एमपी बोर्ड का मूल्यांकन इस बार तीन स्तर पर किया जाएगा। इसके लिए मूल्यांकनकर्ताओं को ट्रेनिंग भी दी गई है। इस संबंध में एमपी बोर्ड ने आदेश भी जारी किया है। इसके तहत कॉपियों का मूल्यांकन मुख्य परीक्षक, उप मुख्य परीक्षक और परीक्षक स्तर पर किया जाएगा। अगर किसी परीक्षार्थी ने एक ही उत्तर को कई बार लिखा है, तो इसकी गणना एक ही बार की जाएगी। परीक्षक के कॉपी जांचने के बाद उप मुख्य परीक्षक आंसर शीट की दोबारा जांच करेंगे, जिसमें कोई त्रुटि की गुंजाइश न रह जाए. इसके बाद इसका परीक्षण मुख्य परीक्षक स्तर पर भी किया जाएगा।
ऑनलाइन अपलोड करते जाएंगे अंक
परीक्षक कॉपी जांचने के साथ उत्तरपुस्तिकाओं के अंक भी ऑनलाइन अपलोड किया जा रहा है। इस दौरान भी अगर गलतियां हुई तो परीक्षक और उप मुख्य परीक्षक के खिलाफ कार्रवाई होगी। गौरतलब है कि पहले चरण का मूल्यांकन चल रहा है, जबकि अगले चरण का मूल्यांकन 21 मार्च से शुरु होगा। एमपी बोर्ड के आदेश में कहा गया है कि ज्यादा कॉपियों चेक करने के लिए अगर मूल्यांकनकर्ता खानापूर्ति करता है या एवरेज मार्किंग करते हुए आगे बढ़ता है, तो ऐसे लोगों पर नजर रखी जाएगी। अधिकारी तत्काल ऐसे मूल्यांकनकर्ताओं पर कार्रवाई करेंगे।
एक शिक्षक अधिकतम 45 कॉपी की कर रहा जांच
भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी एनके अहिरवार ने बताया कि एक दिन में एक शिक्षक को न्यूनतम 30 और अधिकतम 45 उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करना है। इसके बाद ऑनलाइन अंक भी अपलोड करने होंगे। गौरतलब है कि एमपी बोर्ड के इस आदेश के बाद कॉपी जांचने वाले शिक्षक सतर्क होने के साथ चिंतित भी हो रहे हैं। वहीं विभाग का कहना है कि ये फैसला उनमें कसावट लाने के लिए है।