ये फिल्में दर्शकों को विचारोतेजक अनुभव प्रदान करेंगी और समाज के विभिन्न पहलुओं पर नई दृष्टि डालेंगी। इस वर्ष आयोजन की थीम ‘रेट्रो’ रखी गई है, जो 1990 के दशक की सिनेमाई शैली को आधुनिक प्रारूप में रचनात्मक रूप से प्रस्तुत करेगी। इस थीम के अंतर्गत विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें नृत्य, संगीत और नाटक शामिल होंगे। ये कार्यक्रम दर्शकों को उस दौर की सिनेमाई संस्कृति का आनंद लेने का अवसर प्रदान करेंगे।
जागरूक और शिक्षित करने का सबसे प्रभावी माध्यम
सिनेमा एवं जनसंपर्क विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर पवित्र श्रीवास्तव ने कहा कि सिनेमा समाज को जागरूक करने और शिक्षित करने का सबसे प्रभावी माध्यम है। यह समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है और लोगों को गहराई से सोचने के लिए प्रेरित करता है। सिनेब्रेशन 2.0 का उद्देश्य छात्रों की रचनात्मकता, तकनीकी कौशल और कहानी कहने की कला को प्रोत्साहित करना है।
प्रेरणादायक अनुभव प्रदान करेगा
सिनेमा विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. गजेन्द्र अवास्या ने बताया कि प्रदर्शित होने वाली फिल्में सामाजिक और सांस्कृतिक विषयों से गहराई से जुड़ी हैं। ये फिल्में आधुनिक दृष्टिकोण के साथ दर्शकों को समाज के बदलते परिदृश्य से रूबरू कराएंगी। यह आयोजन न केवल छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर देगा, बल्कि दर्शकों को भी सार्थक और प्रेरणादायक अनुभव प्रदान करेगा।