दिल के आपरेशन कर कई लोगों की जान लेने वाले फर्जी हृदय रोग विशेषज्ञ नरेंद्र यादव उर्फ जाॅन कैम ने डाॅक्टरों को रोजगार उपलब्ध कराने वाली एक फर्म को भी तीन बार नौकरी के लिए अपना बायोडेटा भेजा था, लेकिन फर्म स्टाॅफ उसकी डिग्री पर संदेह हुआ था,क्योकि उसके बायोडेटा में भारत के अलावा ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, स्पेन और फ्रांस के प्रसिद्ध संस्थानों से जुड़ा होना बताया था। इसके बावजूद वह मध्य प्रदेश के अस्पतालों की नौकरी के लिए बायोडेटा भेजा रहा था। इस आशंका के चलते फर्म ने उनके क्लाइंट को यादव का बायोडेटा नहीं दिया।
इंदौर की एक रोजगार कंसल्टेंसी फर्म देश भर के अस्पतालों को डाॅक्टर, नर्स व अन्य पैरामेडिकल स्टाॅफ उपलब्ध कराती है। फर्म को तीन बार बायोडाटा भेजकर नौकरी मांगी थी। उनसे पहले बायोडाटा वर्ष 2020 में भेजा था। इसके बाद वर्ष 2023 और 2024 में भी फिर ऑनलाइन संपर्क कर बायोडाटा भेजा था। दरअसल एक निजी अस्पताल को कार्डियोलाॅजिस्ट की जरुरत थी,इसलिए पांच साल पहले फर्म ने विज्ञापन जारी किया था। उसे देखकर यादव ने पहली बार फर्म से संपर्क किया था। उसके बायोडाटा को देखकर फर्म के स्टाॅफ को शंका हुई थी।
इस कारण उन्होंने उसके बायोडेटा को अस्पतालों में नहीं भेजा। यादव ने बुरहानपुर के एक अस्पताल संचालक को भी अपना बायोडेटा भेजा था, लेकिन संचालक को भी उसकी डिग्री पर शंका हुई थी। दमोह का फर्जी डाॅक्टर नरेंद्र यादव उर्फ जाॅन कैम पुलिस हिरासत में है। उनसे दमोह के एक मिशनरी अस्पताल में दिल के आपरेशन किए थे। जिनमें से सात मरीजों की मौत हो चुकी है।