मुख्यमंत्री यादव ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय पहुंचकर पुलिस अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था को लेकर बड़ी बैठक की। पीएचक्यू पहुंचने पर पुलिस बल ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर मुख्यमंत्री का सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों से चर्चा की और बेहतर व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बैठक में पुलिस अधिकारियों से अगले 25 साल की जरूरत के हिसाब से कानून व्यवस्था रोकने के साथ ही जरूरतों को ध्यान में रखकर प्लान बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौतियों के हिसाब से तैयारी करें। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि एएसआई से एसआई स्तर के अधिकारियों के प्रमोशन 15 दिन में होंगे। इसकी कार्रवाई तेजी से करें। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों से भी पुलिसकर्मियों को बेहतर प्रोत्साहन मिलता रहे। जिससे वे कार्य और दायित्व अच्छे से करते रहें। पुलिस कर्मियों के आवास की समस्या का निराकरण करें। साथ ही सीएम ने कहा कि पुलिस थानों की सीमाओं के संबंध में विसंगतिया दूर की जाए।
अपराधों पर करें सख्ती से नियंत्रण
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बैठक में अधिकारियों को पुलिसकर्मियों की दक्षता बढ़ाने के लिए मौजूदा संसाधनों में बेहतर काम करने के प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक तरीके के अपराधों पर सख्ती से नियंत्रण किया जाए। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश को अपराध नियंत्रण में वर्तमान स्तर को दुरुस्त करना है।
धार्मिंक मेलों में भीड़ नियंत्रण बेहतर हो
मुख्यमंत्री ने ओरछा, उज्जैन और अन्य नगरों में धार्मिक मेलों पर भीड़ नियंत्रण की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने साफ कहा कि धार्मिक स्थलों पर आने वाले लोगों को सुरक्षित माहौल के साथ ही सुविधा जनक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
डीजीपी ने प्रस्तुतिकरण दिया
बैठक में पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना ने पुलिस विभाग की व्यवस्था और कार्य प्रणाली से संबंधित प्रस्तुतिकरण दिया प्रस्तुतीकरण में प्रमुख रूप से कार्य प्रणाली के आधार स्तंभ, राज्य पुलिस की संरचना, कानून व्यवस्था एवं नक्सल विरोधी अभियान, अपराध नियंत्रण, तकनीकी के उपयोग, बजट, अधोसंरचना विकास और मानव संसाधन विकास के साथ-साथ विभाग की सफलता और उपलब्धियों की जानकारी दी गई।
जिला स्तर पर हो पुलिस बैंड
मुख्यमंत्री ने कहा बैठक में जिला स्तर पर पुलिस बैंड की व्यवस्था करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि पुलिस बैंड से कार्यक्रमों की गरिमा बनती है। इसके लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाए। पुलिसकर्मियों समेत होमगार्ड जवानों और स्कूल के विद्यार्थियों को भी प्रशिक्षण में शामिल किया जाए।
सीएम ने बैठक में यह भी दिए निर्देश
पुलिस कर्मियों की आवास की समस्या का निराकरण हो। पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन स्तर और पुलिस कर्मियों द्वारा निजी स्तर पर आवास की व्यवस्था के लिए सहयोग दिया जाए।
पुलिस थानों की सीमाओं के संबंध में कुछ स्थानों पर विसंगतियां हैं, उन्हें दूर किया जाए।
देह व्यापार पर अंकुश लगाने की दिशा में कार्य करें।
स्मार्ट पुलिसिंग पर कार्य हो
पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सीएम ने निर्देश दिए कि प्रदेश में अपराधों के नियंत्रण और प्रधानमंत्री जी की स्मार्ट पुलिसिंग की अवधारणा को मूर्तरूप देने के लिए ऐसा कार्य हो जो उदारण बन सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कर्मी अपना कार्य अधिक अच्छे ढंग से कर सकें, इसके लिए उन्हें प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। कुछ ऐसे समुदाय हैं जिनके कुछ लोग अपराधिक प्रवृति से जुड़े हैं, उन्हें भी मुख्य धारा में लाने का प्रयास हो। जिन जिलों में अपराध दर अधिक है वहां विस्तृत कार्य योजना बनाई जाए। अवैध हथियारों की तस्करी और शराब माफिया पर प्रभावी कार्यवाही हो। खनिज माफिया के विरुद्ध भी सख्त कार्यवाही खनिज विभाग के समन्वय से की जाए।
राजौरा ने वाहनों की जरूरत बताई
बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने वाहनों की आवश्यकता और उसकी पूर्ति के प्रस्ताव सहित पुलिस कर्मियों के कल्याण सहित अन्य प्रस्तावों से अवगत करवाया।