अनुसूचित जाति और जनजाति आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देशभर के विभिन्न संगठनों ने बुधवार को भारत बंद का आह्वान था। राजधानी भोपाल में बंद का असर बिल्कुल भी नहीं दिखा सभी संस्थान अपने नियत समय पर खोले गए।

बोर्ड ऑफिस चौराहे पर विरोध करते बसपा कार्यकर्ता
सपा के प्रदेश अध्यक्ष, विधायक अलावा और बरैया ने दिया था समर्थन
इधर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने भी वीडियो जारी कर बंद को समर्थन देने का ऐलान किया किया था लेकिन विरोध प्रदर्शन में एक भी कार्यकर्ता सामने नहीं आए । धार जिले की मनावर सीट से कांग्रेस विधायक और जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ. हीरालाल अलावा और भांडेर से कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया इस बंद के समर्थन में थे। वहीं, कांग्रेसी नेता इस बंद को कुछ भी कहने से बचते नजर आए इधर, पुलिस-प्रशासन बंद को लेकर अलर्ट पर थे। गृह विभाग ने कानून व्यवस्था को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए थे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज कराने बंद
जानकारी के लिए बतादें कि सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए देश भर के दलित और आदिवासी संगठनों बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया था। नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक सूची जारी की है जिसमें अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल थी। एनएसीडीएओआर ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस फैसले को खारिज किया जाए क्योंकि यह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है। संगठन एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर संसद द्वारा एक नए कानून को पारित करने की भी मांग कर रहा है, जिसे संविधान की नौवीं सूची में समावेश के साथ संरक्षित किया जाए। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने 6 -1 की दरअसल बहुमत से एक बड़ा फैसला दिया था। इसमें एससी-एसटी समुदाय में उप कोटा लागू करने को सही ठहराया गया था। इसके साथ ही पीठ ने एससी-एसटी आरक्षण में ओबीसी आरक्षण की तरह क्रीमी लेयर का फॉर्मूला लागू करने का सुझाव दिया था।