
कील पर बैठकर लोकतंत्र के लिए लगाई गुहार
वह बहुत बीमार है, भूखा है, वह कुपोषण का शिकार हो गया है। लेकिन हमारे देश के नागरिक उसे भोजन नहीं दे रहे हैं। अब बताइए उसकी बीमारी कैसे ठीक होगी? वह कैसे सुपोषित होगा? यह बातें सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश शर्मा ने कहीं। शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र की इस बीमारी को मतदान करके ही दूर किया जा सकता है। वह एक ऐसे आयोजन का हिस्सा थे, जिसे देखकर भोपाल वासियों ने दांतों तले अंगुली दबा।
आपको बता दें कि लोगों को मतदान के प्रति ध्यान आकर्षित करने के लिए एक अलग तरह का आयोजन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुआ। यहां पर भारत के लोकतंत्र की पीड़ा को कीलो के आसन पर बैठकर अभिव्यक्त किया गया।
लोकतंत्र की पीड़ा से आम नागरिकों को कराया परिचित
यह कार्यक्रम भारत स्वाभिमान आंदोलन और भारत रक्षा मंच के कार्यकर्ताओं के द्वारा किया गया था। भोपाल के एमपी नगर में स्थित गवर्नमेंट प्रेस के सामने आयोजित इस प्रदर्शन में दर्जनों की संख्या में नागरिक शामिल हुए और लोकतंत्र की पीड़ा से आम नागरिकों को परिचित कराया। कीलों के आसन पर जब भारत स्वाभिमान आंदोलन और भारत रक्षा मंच की कार्यकर्ता बैठे तो वहां खड़े नागरिक आश्चर्यचकित हो गए। यह आयोजन मतदान प्रतिशत बढ़ाने और नागरिकों को जागरूक करने, उनके दायित्व बोध से परिचित कराने के लिए किया गया था।
भारत रक्षा मंच के प्रांतीय उपाध्यक्ष प्रांतीय उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा ने बताया कि हमने देश की जनता से आह्वान करते हुए स्वस्थ एवं मजबूत लोकतंत्र के लिए उसे भरपूर भरपेट भोजन (वोट) देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हमारे देश का लोकतंत्र भूखा एवं कुपोषित है, क्योंकि हम लोग उसे भरपेट भोजन नहीं देते, वह बीमार और कुपोषित हो रहा है।
मतदान के प्रति नागरिकों की अपेक्षा लोकतंत्र को बना देगी पंगु
कैलाश तिवारी आर्य ने बताया कि वर्तमान समय में मतदान के प्रति नागरिकों की अपेक्षा लोकतंत्र को पंगु बना देगी। अब नागरिकों को जागरुक होना चाहिए और लोकतन्त्र को कुपोषित होने से बचाने में अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
इस दौरान कमलेश लोखंडे, शकुंतला रजक, अंबिका प्रसाद दुबे और अभिषेक तिवारी कील वाले आसन पर बैठे और लोगों से मतदान की अपील की। कैलाश तिवारी आर्य ने कहा कि हे मतदाताओं आप भारत के भाग्य विधाता हो, अधिकतम मतदान कर इस रंग-बिरंगे गुलदस्ते लोकतंत्र की सुंदरता और सुगंध को बढ़ाने के लिए केवल आपका एक वोट अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सन 2024 के लिए मतदान का महोत्सव के साथ-साथ आजादी का महोत्सव मनाया जा रहा है, फिर भी आप लोग मुझे आधा अधूरा भोजन देते हैं। मैं जन गण मन भारत भाग्य विधाता को कोसता हुआ आगामी 5 वर्षों के लिए लौट जाता हूं।
ऑनलाइन मतदान की मांग
कैलाश तिवारी ने बताया कि अब मतदान की प्रक्रिया में बदलाव किया जाना चाहिए। मतदान प्रक्रिया को 24 घंटे के लिए किया जाना चाहिए। साथ ही मतदान करने के लिए कोई ऑनलाइन व्यवस्था बनाई जानी चाहिए, ताकि कोई भी मतदाता कहीं से भी मतदान कर सके।