एक तरफ पुलिस और अन्य एजेंसियां जालसाजों पर नकेल कसने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रही हैं। वहीं, दूसरी ओर जालसाज भी ठगी के नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। अब ठगों ने आयुष विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाई तथा नौकरियों की भर्ती निकाल दी। यह वेबसाइट हूबहू आयुष विभाग की वेबसाइट जैसी ही थी। लिंक भेजकर उन्होंने लोगों से आवेदन के नाम पर 500-500 रुपये भी ऐंठ लिए। इस बात की जानकारी जब विभाग को पता चली तो मामले की शिकायत एमपी नगर थाने में दर्ज कराई गई। पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
सरकार ने जारी किया खंडन
इस बात की जानकारी जब सरकार तक पहुंची तो 6 अप्रैल को सरकार की ओर से इस तरह के किसी भी विज्ञापन का खंडन जारी करते हुए बयान आया कि सोशल मीडिया पर वायरल ई औषधि मध्यप्रदेश संबंधित नियुक्ति पूर्णत: भ्रामक और तथ्यहीन है। संबंधित वेबसाइट मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट नहीं है और विभाग की ओर से यह भर्ती नहीं निकाली गई है।
सरकारी प्रारूप में दिया गया विज्ञापन
जालसाज शातिर थे। किसी को शक न हो इसके लिए उन्होंने फर्जी वेबसाइट बनाने के बाद आवेदन के प्रारूप को ठीक की उसी तरह से रखा जिस तरह का प्रारूप सरकारी नौकरी के विज्ञापन में इस्तेमाल किया जाता है। जानकारी के अनुसार जालसाजों ने विज्ञापन के साथ ही पदों की संख्या (2972) भी लिखी, जिसमें स्टोर मैनेजर (528 पद) सहायक स्टोर मैनेजर (988 पद) और डेटा एंट्री ऑपरेटर (1456 पद) के पद शामिल थे। प्रति आवेदन 500 रुपये शुल्क रखा गया था और साथ में एक जीमेल आईडी दी गई थी।
पूरे एक महीने तक इस फर्जी वेबसाइट और भर्ती विज्ञापन की भनक किसी को नहीं लगी, लेकिन आवेदन समाप्त होने की तिथि 6 अप्रैल को सोशल मीडिया में यह भर्ती विज्ञापन लीक हो गया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मंगलवार को शासन की ओर से एमपी नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ बीएनएस की धारा 319 (2) तथा 66 सी व 66 डी आईटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। अब वेबसाइट के आईपी एड्रेस तथा यूआरएल के जरिए आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।