वकीलाें ने बंदियों को कोर्ट प्रक्रिया की जानकारी दी।
मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले की केन्द्रीय जेल में पहली बार बंदी-अभिभाषक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जेल में बंद बंदियों और जिले के प्राइवेट वकीलों के बीच चर्चा का यह कार्यक्रम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और जेल प्रशासन ने मिलकर करवाया। केंद्रीय जेल बड़वानी की अधीक्षक शेफाली तिवारी ने बताया कि इस प्रकार का संवाद कार्यक्रम पहली बार अयोजित किया गया, जिसमें जेल में बंद बंदियों के अलग अलग न्यायालयों में चल रहे किसी भी मामले में चर्चा के लिए प्राइवेट वकील भी मौजूद रहे।
जेल अधीक्षक तिवारी ने बताया कि डिफेंस काउंसिल के वकील जेल में अक्सर मौजूद रहते हैं। लेकिन, प्राइवेट वकीलो के द्वारा भी बंदियों से संवाद निरंतर स्थापित किया जाना चाहिए। अक्सर देखा जाता है कि केंद्रीय जेल बड़वानी में परिरूद्ध अधिकांश बंदियों को उनके प्रकरण में चल रही कार्रवाई के संबंध में जानकारी नहीं होती है। इसके साथ ही जिन बंदियों की विडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से पेशी होती है, उन्हें अपने वकील से चर्चा करने का मौका भी नहीं मिल पाता है। जिस कारण से बंदियों को अपने प्रकरण में उदासीनता लगने लगती है।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से बंदियों को उनके प्रकरण में आने वाली समस्याएं बताई गईं और कोर्ट की कार्रवाई के संबंध में भी अवगत कराया गया। शिविर में मौजूद बंदियों ने उपस्थित वकीलों से अपने प्रकरण के बारे में सवाल भी पूछे, जिनके जवाब वकीलों द्वारा दिए गए। इस कार्यक्रम में लगभग 35 वकीलों ने भाग लिया, साथ ही जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बड़वानी मानवेन्द्र पवार, न्यायायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बड़वानी विनय जैन, न्यायायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बड़वानी पूजा विजयवर्गीय जैन, विधिक सेवा अधिकारी दिलीप सिंह मुजाल्दा के साथ ही अध्यक्ष अभिभाषक संघ बड़वानी पुरुषोत्तम मुकाती, चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल बड़वानी हेमेन्द्र कुमरावत और जेल स्टाफ ने बंदियों को न्यायालय में होने वाली कार्रवाई के बारे में जानकारी दी।