माँ सुरकंडा देवी के दरबार में जाते ही एक साथ हो जाएंगे चारों धाम के दर्शन; स्वर्ग से भी सुंदर इस मंदिर में कैसे पहुंचे?

Maa Surkanda Devi Temple- India TV Hindi

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Maa Surkanda Devi Temple

आज हम आपको देवभूमि के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में मान्यता कि यहां सिर्फ एक बार दर्शन कर लेने से ही सातजन्मों के पापों से मुक्ति मिल जाती है। हम बात कर रहे हैं सुरकंडा देवी मंदिर की। सुरकंडा देवी मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित है जो नौ देवी के रूपों में से एक है। यह प्रसिद्ध सिद्धपीठ मां सुरकंडा मंदिर उत्तराखंड के टिहरी जनपद में जौनुपर पट्टी के सुरकुट पर्वत पर स्थित हैं। टिहरी गढ़वाल के प्रसिद्व पर्यटक स्थन धनौल्टी से सिर्फ 8 किमी दूर सुरकंडा देवी का मंदिर मौजूद है। चलिए आपको बताते हैं आप इस मंदिर में कैसे पहकनहे?

दीखते हैं चारों धाम:

आप सुरकंडा मां के दरबार में खड़े हो जाइए, यहां से बदरीनाथ केदारनाथ, तुंगनाथ, चौखंबा, गौरीशंकर, नीलकंठ सहित कई पर्वत की खूबसूरत श्रृखलाएं दिखाई देती हैं। दरअसल, यह स्‍थान समुद्र से तकरीबन 3 हजार मीटर ऊंचाई पर है इस वजह यहां से बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री चारों धामों की पहाड़ियां नजर आती हैं। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि व गंगा दशहरे के अवसर पर इस मंदिर में देवी के दर्शन से मनोकामना पूर्ण होती है।मां सुरकंडा देवी के कपाट साल भर खुले रहते हैं।

किस मौसम में जाएं?

आप सुरकंडा मां के दरबार में साल एक बारह महीने जा सकते हैं। साल के अधिकतर समय यह मंदिर कोहरे से ढका होता है। बावजूद इसके नये साल के अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं। हालांकि मई से अगस्त तक का मौसम बेहद अच्छा रहता है इसलिए आप इस मौसम में जा सकते हैं। इसके साथ ही यात्रियों के ठहरने के लिए धर्मशालाओं की सुविधा है।

कैसे पहुंचे?

  • वायु मार्ग: यहां से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जौलीग्राट है। यहां से बस या टैक्सी मिल जाएगी।
  • रेलमार्ग: यहां से सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन ऋषिकेश, हरिद्वार व देहरादून है। यहां से आप बस या टैक्सी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं
  • सड़क मार्ग: मां सुरकंडा मंदिर पहुंचने के लिए हर जगह से वाहनों की सुविधा है। देहरादून से वाया मसूरी होते हुए 73 किमी दूरी तय कर कद्दूखाल पहुंचना पड़ता है। यहां से दो किमी पैदल दूरी तय कर मंदिर पहुंचना पड़ता है। ऋषिकेश से वाया चंबा होते हुए 82 किमी की दूरी तय कर भी यहां पहुंचा जा सकता है।
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