गर्मी का मौसम आते ही सताने लगती है चिंता
ग्रामीण धरमू बैगा ने बताया कि गर्मियों का मौसम जैसे-जैसे नजदीक आता है वैसे-वैसे गांव के लोगों की चिंता बढ़ने लग जाती है। जिसका कारण यहां की पेयजल समस्या है। सिर्फ एक झिरिया के भरोसे ही यहां के ग्रामीणों का गुजारा होता है और मई तथा जून की गर्मियों में इससे भी पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पाता है। ऐसे में सुबह से शाम तक ग्रामीण इसके पास बैठकर पानी भरने का इंतजार करते हैं।
नहीं होती सुनवाई
ग्रामीण सुनहर बैगा ने कहा कि गांव में होने वाली पेयजल की समस्या की जानकारी कई बार ग्राम पंचायत जनपद पंचायत और जिले के अधिकारियों को दी गई। विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के दौरान विधायक और सांसद को भी अपनी समस्या हमने बताई, लेकिन कोई भी हमारी परेशानी को आज तक दूर नहीं कर पाया।
गंदे पानी के सेवन से बीमार हो जाते हैं बच्चे
ग्रामीण सुधराम बैगा ने कहा कि झिरिया का अपनी मजबूरी में पीना पड़ता है, क्योंकि यह गंदा होता है इसकी वजह से बच्चे बीमार भी हो जाते हैं। यदि हमारे गांव में कोई अन्य व्यवस्था बना दी जाए तो गांव के लोगों की परेशानी दूर हो जाएगी। नल जल योजना और हैंड पंप की सुविधा यहां दिए जाने से यह समस्या दूर हो जाएगी, लेकिन अधिकारी इस पर सुन ही नहीं रहे हैं।
दो किलोमीटर दूर जाने और आने में थक जाता है शरीर
ग्रामीण रामफल बैगा ने बताया कि झिरिया का जो कुंड है गांव से उसकी दूरी लगभग दो किलोमीटर की है और वहां तक पानी से भरा हुआ बर्तन लाने में शरीर थक जाता है। ज्यादातर घरों में बच्चे और महिलाएं यह काम करते हैं, लेकिन जिन घरों में बच्चे नहीं हैं वहां बुजुर्गों को ही यह करना पड़ता है जिसमें काफी परेशानी उठानी पड़ती है।
मामले में जब हमने अनूपपुर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के एसडीओ दीपक साहू से बात की, तो उन्होंने भी आश्वासन ही दिया। उनका कहना है कि संबंधित ग्राम पंचायत की कार्ययोजना तैयार करते हुए वहां पेयजल समस्या को दूर किया जाएगा। लेकिन कब तक समस्याक का हल होगा, इसका कोई उत्तर नहीं मिल सका।