Shivpuri News: बैंक में 100 करोड़ रुपए के घोटाले के बाद लोगों को जमा पैसे नहीं मिल रहे हैं

Shivpuri After scam of Rs 100 crore in bank people are not getting deposited money

जमाकर्ता

शिवपुरी जिले के सहकारी बैंक में हुए 100 करोड़ के घोटाले के बाद अब इस बैंक में पैसा जमा करने वाले जमाकर्ता परेशान हैं। बैंक में पैसा जमा करने वाले लोगों को उनका जमा पैसा नहीं मिल रहा है। आए दिन कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों को जमाकर्ता लोग पैसा निकलवाने की गुहार लगा रहे हैं।लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। शिवपुरी में हर मंगलवार को जनसुनवाई में बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं और सहकारी बैंक की विभिन्न शाखों में जमा पैसा निकलवाने की मांग करते हैं। इसी क्रम में मंगलवार को भी जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर कार्यालय में कई लोग आए और उन्होंने कलेक्टर से बैंक में जमा पैसा दिलवाने की गुहार लगाई।

शिवपुरी जिले के सहकारी बैंक में कोलारस ब्रांच के एक चपरासी और कैशियर द्वारा किए गए घोटाले के बाद यहां पर 100 करोड़ ज्यादा की रकम गोल कर दी गई, जिससे बैंक की जमा पूंजी करीब 100 करोड़ की निकल गई और इस घोटाले ने बैंक को कंगाल कर दिया गया। यह घोटाला करीब 3 साल पहले किया गया। लेकिन अभी तक इस मामले में कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पूरा मामला जांच में लंबित पड़ा हुआ है। इस मामले में 100 करोड़ से ज्यादा का घोटाला हुआ है, जिसमें से बैंक की जमा पूंजी कुछ बैंक कर्मचारियों ने धोखाधड़ी करके निकाल ली गई। मामला जांच में लंबित होने से बैंक में पूंजी नहीं है, जिससे जमाकर्ताओं का पैसा निकाल नहीं पा रहा है। जांच के नाम पर मामला लटका होने से लोग परेशान घूम रहे हैं।

किसी को इलाज कराना है तो किसी को करनी है बेटी की शादी

मंगलवार को शिवपुरी कलेक्टर कार्यालय में आए बैंक एक जमाकर्ता टीला गांव के रहने वाले विनोद राय ने बताया कि उनका सहकारी बैंक में करीब 3 लाख रुपये की एफडी है। जो वर्ष 2022 में कराई गई थी, लेकिन अभी तक उनका जमा पैसा नहीं मिल पाया है। उन्हें अपनी बेटी की शादी करनी है, लेकिन पैसा नहीं है। कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसी तरह से पोहरी के रहने वाले नरेश भार्गव ने बताया कि उनके घुटने का ऑपरेशन होना है, उन्हें पैसों की सख्त आवश्यकता है। बैंक में जमा पैसा उनका नहीं मिल रहा है। पूर्व में भी वह कई बार कलेक्टर को आवेदन दे चुके हैं। उनका सहकारी बैंक में करीब 5 लाख रुपये जमा है। जमा पैसा नहीं निकलने से उनके परिवार पर आर्थिक संकट आ गया है।

घोटाले के बाद बैंक से दिए जा रहे हैं मात्र तीन से पांच हजार रुपये

सहकारी बैंक में हुए घोटाले के बाद बैंक में पूंजी की कमी हो गई, जिसके कारण अब कुछ जो ऋणी लोग हैं वह जो राशि जमा करते आते हैं या कोई शासकीय खाते से पैसा आता है, उससे बैंक कर्मचारी यहां आने वाले जमाकर्ताओं को 15 से 20 दिन में मात्र तीन से पांच हजार रुपये दे देते हैं। ऐसे में जिन लोगों की लाखों रुपये की राशि जमा है, उन्हें यह राशि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। बताया जाता है कि बैंक में पूंजी नहीं है। प्रदेश सरकार को भी इसकी जानकारी है। लेकिन कोई समाधान नहीं निकाला जा रहा। बैंक की साख खत्म होने से जिन लोगों का पैसा बैंक में जमा था, वह लगातार बैंक के चक्कर लगा रहे हैं। पूर्व में पैसा रहता था तो जमाकर्ता का बैंक पर विश्वास था।

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