देशभर में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे — वर्षभर चलेगा राष्ट्रीय उत्सव, 7 नवम्बर 2025 से होगी भव्य शुरुआत

vande-mataram

भारत के स्वतंत्रता संग्राम के अमर प्रतीक राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में देशभर में वर्षभर चलने वाला (vande-mataram) भव्य राष्ट्रीय उत्सव आयोजित किया जाएगा। यह ऐतिहासिक आयोजन 7 नवम्बर 2025 से 7 नवम्बर 2026 तक चलेगा, जिसमें देश के हर राज्य, जिला और गांव तक वंदे मातरम् के स्वर गूंजेंगे। इस वर्षभर चलने वाले (vande-mataram) समारोह का मुख्य उद्देश्य भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में वंदे मातरम् की ऐतिहासिक भूमिका और इसकी अमिट सांस्कृतिक विरासत को पुनः जन-जन तक पहुँचाना है।

चार चरणों में सम्पन्न होगा वर्षभर का राष्ट्रीय आयोजन

सरकार ने इस आयोजन को चार चरणों में बांटा है ताकि देश के हर नागरिक की सहभागिता सुनिश्चित की जा सके —

  1. प्रथम चरण (7 से 14 नवम्बर 2025)शुभारंभ सप्ताह
    इस सप्ताह की शुरुआत 7 नवम्बर को पूरे देश में एक साथ “वंदे मातरम्” के सामूहिक गायन से होगी। इसी दिन सुबह 9:30 बजे सभी जिला और तहसील मुख्यालयों में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके तुरंत बाद सुबह 10:00 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्बोधन नई दिल्ली से सीधा प्रसारित किया जाएगा।
  2. द्वितीय चरण (19 से 26 जनवरी 2026)गणतंत्र दिवस विशेष आयोजन
    इस चरण में वंदे मातरम् (vande-mataram) को भारत के संविधान और लोकतंत्र की आत्मा के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। विद्यालयों, कॉलेजों, सरकारी संस्थानों और सशस्त्र बलों द्वारा विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रदर्शनी आयोजित होंगी।
  3. तृतीय चरण (7 से 15 अगस्त 2026)हर घर तिरंगा अभियान के साथ आयोजन
    स्वतंत्रता दिवस सप्ताह में हर घर तिरंगा अभियान के साथ वंदे मातरम् का सामूहिक गायन और तिरंगा यात्राएं आयोजित होंगी।
  4. चतुर्थ चरण (1 से 7 नवम्बर 2026)समापन सप्ताह
    इस सप्ताह में देशभर के प्रमुख सांस्कृतिक केंद्रों में समापन समारोह होंगे, जिनमें स्वतंत्रता सेनानियों के वंशज, छात्र, कलाकार और सामाजिक संगठन शामिल होंगे।

7 नवम्बर 2025 को बजेगा राष्ट्रगान सा “वंदे मातरम्” का स्वर

शासन ने निर्देश जारी किए हैं कि 7 नवम्बर 2025 को सुबह 9:30 बजे देशभर के हर जिला, तहसील, विकासखंड मुख्यालय में “वंदे मातरम्” का सामूहिक गायन किया जाएगा। इसके बाद सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का सीधा प्रसारण दिखाया जाएगा।

इस दिन शासकीय, अशासकीय और अर्द्ध-शासकीय विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में भी विशेष कार्यक्रम होंगे। इस दौरान पुलिस बैंड, स्कूल बैंड, कॉलेज बैंड और स्थानीय संगीत समूहों को भी जोड़ा जाएगा ताकि राष्ट्रगीत को भव्य स्वरूप मिल सके।

गांवों और शहरों में भी गूंजेगा वंदे मातरम्

कार्यक्रम (vande-mataram) केवल शहरों तक सीमित नहीं रहेगा। 8 नवम्बर 2025 को सुबह 10 बजे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से सभी जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायतों में वंदे मातरम् (vande-mataram) का सामूहिक गायन होगा। इसमें पंचायत प्रतिनिधि, ग्रामीण और स्थानीय नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

वहीं 10 नवम्बर 2025 को सुबह 10 बजे, नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा सभी नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पंचायतों में इसी प्रकार का गायन कार्यक्रम होगा। यह आयोजन ग्रामीण से लेकर शहरी भारत तक एकता का प्रतीक बनेगा।

स्कूल-कॉलेज के छात्रों की रहेगी विशेष भूमिका

इस (vande-mataram)राष्ट्रीय उत्सव में सबसे प्रमुख भूमिका देश के युवाओं और छात्रों की होगी। विद्यालयों और महाविद्यालयों में निबंध, वाद-विवाद, चित्रकला और सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
इसके साथ ही “एक भारत श्रेष्ठ भारत” थीम पर आधारित रैलियां, कवि सम्मेलन और नाट्य प्रस्तुतियां भी की जाएंगी ताकि युवा पीढ़ी वंदे मातरम् (vande-mataram) के भाव को आत्मसात कर सके।

सरकार और सामाजिक संगठनों की साझी भागीदारी

इस उत्सव में शासकीय विभागों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों, शिक्षाविदों, पत्रकारों, डॉक्टर्स, पुलिसकर्मियों, व्यापारियों और आम नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि इस अवसर पर “वंदे मातरम् वर्ष” के रूप में स्थानीय स्तर पर भी कार्यक्रमों की श्रृंखला तैयार की जाए।

संस्कृति मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय इस आयोजन का राष्ट्रीय समन्वयक रहेगा, जबकि राज्य सरकारें स्थानीय स्तर पर कार्यक्रमों का संचालन करेंगी।

वंदे मातरम् — भारत की आत्मा का स्वर

राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का स्वर है।
1882 में बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित यह गीत उपन्यास आनंदमठ में शामिल किया गया था। 1905 में बंग-भंग आंदोलन के समय यह गीत स्वतंत्रता संघर्ष का नारा बन गया। “वंदे मातरम्” ने उस दौर में करोड़ों भारतीयों में आत्मबल, एकता और स्वाभिमान की भावना जगाई।

आज 150 वर्ष बाद यह गीत फिर से देश के हर कोने में गूंजने जा रहा है — एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण के रूप में।

राष्ट्रीय एकता और संस्कृति का महोत्सव बनेगा वंदे मातरम् वर्ष

वंदे मातरम् (vande-mataram) की 150वीं वर्षगांठ केवल एक ऐतिहासिक स्मरण नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक शक्ति का उत्सव होगी। यह आयोजन देश में राष्ट्रप्रेम, एकता और सामाजिक सद्भाव का संदेश देगा।

7 नवम्बर 2025 से शुरू होकर 7 नवम्बर 2026 तक चलने वाला यह आयोजन भारत के गौरवशाली अतीत और उज्ज्वल भविष्य को जोड़ने वाला सेतु बनेगा।
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