श्री माखनलाल चतुर्वेदी महाविद्यालय माखन नगर में संगोष्ठी व नुक्कड़ नाटक

कुसंगतियों के खिलाफ राष्ट्रीय सेवा योजना की पहल

श्री माखनलाल चतुर्वेदी शासकीय महाविद्यालय, माखन नगर में सामाजिक चेतना और जागरूकता के उद्देश्य से एक विशेष संगोष्ठी (नुक्कड़ नाटक) का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. नीता चौबे ने की और इसका संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना (रा.से.यो.) इकाई के मार्गदर्शन में हुआ। इस अवसर पर रा.से.यो. के स्वयंसेवक, महाविद्यालय के छात्र-छात्राएँ एवं स्टाफ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

नुक्कड़ नाटक

संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य समाज में व्याप्त कुरीतियों और कुसंगतियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। साथ ही, इस अवसर पर स्वयंसेवकों द्वारा नुक्कड़ नाटक का भी मंचन किया गया, जिसमें धूम्रपान, नशाखोरी और अन्य बुरी लतों से समाज और व्यक्ति पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को जीवंत तरीके से प्रस्तुत किया गया।


संगोष्ठी की पृष्ठभूमि

किसी भी राष्ट्र का भविष्य उसके युवाओं के चरित्र और दृष्टिकोण पर निर्भर करता है। यदि युवा सही दिशा में आगे बढ़ते हैं तो राष्ट्र की उन्नति सुनिश्चित होती है, लेकिन यदि वे कुसंगतियों का शिकार हो जाएँ तो समाज धीरे-धीरे पतन की ओर चला जाता है। यही संदेश राष्ट्रीय सेवा योजना ने इस संगोष्ठी और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दिया।


प्राचार्य का मार्गदर्शन

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्राचार्य डॉ. नीता चौबे ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल ज्ञान अर्जन करना नहीं है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाना भी है। उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को यह समझना होगा कि छोटी-छोटी बुरी आदतें ही बड़े संकट का कारण बन जाती हैं। यदि विद्यार्थी अपने जीवन से धूम्रपान, नशा और अन्य कुसंगतियों को दूर रखें तो न केवल उनका व्यक्तिगत जीवन सुधरेगा, बल्कि समाज भी एक स्वस्थ और मजबूत दिशा की ओर अग्रसर होगा।

राष्ट्रीय सेवा योजना का योगदान

राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) का उद्देश्य ही है – “स्वयं सेवक समाज की सेवा करते हुए स्वयं का भी विकास करें।” इसी ध्येय को ध्यान में रखते हुए महाविद्यालय की बालक और बालिका इकाइयों ने मिलकर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया।

बालिका इकाई की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अनिता साहू ने अपने विचार रखते हुए कहा कि किसी भी राष्ट्र की उन्नति तभी संभव है जब समाज से कुसंगतियों को जड़ से समाप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि नशाखोरी, अंधविश्वास और अशिक्षा जैसी कुरीतियाँ हमारे विकास में बाधक हैं। यदि इन्हें समाप्त करने का प्रयास हम सब मिलकर करें तो समाज की प्रगति निश्चित है।

बालक इकाई के कार्यक्रम अधिकारी पंकज बैरवा ने कहा कि कुसंगतियाँ व्यक्ति के जीवन की सबसे बड़ी दुश्मन होती हैं। यह न केवल व्यक्ति को भीतर से खोखला करती हैं बल्कि समाज को भी धीरे-धीरे कमजोर कर देती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि कुसंगतियों से मुक्त होकर ही हम सच्चे अर्थों में राष्ट्र सेवा कर सकते हैं।


नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन

कार्यक्रम की विशेषता रही नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन। रा.से.यो. के स्वयंसेवकों ने अत्यंत प्रभावशाली शैली में यह दर्शाया कि किस प्रकार धूम्रपान और नशे की आदतें एक व्यक्ति के जीवन को तबाह कर देती हैं। नाटक में दिखाया गया कि नशे की शुरुआत अक्सर मित्रों के दबाव या उत्सुकता से होती है, लेकिन धीरे-धीरे यह एक गंभीर लत बन जाती है। परिणामस्वरूप परिवार का सुख-चैन नष्ट होता है, व्यक्ति का स्वास्थ्य बिगड़ता है और आर्थिक स्थिति भी चरमरा जाती है।

छात्र-छात्राओं ने यह संदेश दिया कि “एक सिगरेट से कुछ नहीं होता” जैसी सोच ही व्यक्ति को बर्बादी की ओर धकेल देती है। नाटक में संवाद और अभिनय इतने जीवंत थे कि दर्शकों ने गहरी तन्मयता से इसे देखा और अंत में जोरदार तालियों से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।



सामाजिक चेतना का प्रसार

संगोष्ठी और नाटक दोनों का उद्देश्य केवल एक ही था—युवाओं और समाज को यह समझाना कि यदि समय रहते कुसंगतियों पर रोक नहीं लगाई गई तो आने वाली पीढ़ियाँ इसके दुष्परिणाम भुगतेंगी। कुसंगतियों से बचना केवल व्यक्ति का कर्तव्य नहीं बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है।

वक्ताओं ने यह भी कहा कि आज की दुनिया में जब विज्ञान और तकनीक ने अभूतपूर्व प्रगति की है, तब भी समाज में नशाखोरी, अंधविश्वास और अशिक्षा जैसी समस्याएँ बनी हुई हैं। इसका कारण यह है कि हम बाहरी विकास पर तो ध्यान देते हैं, परन्तु आंतरिक और नैतिक विकास की उपेक्षा कर देते हैं।


विद्यार्थियों की भागीदारी

इस आयोजन की सबसे बड़ी उपलब्धि रही विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी। बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ न केवल संगोष्ठी में उपस्थित रहे, बल्कि चर्चा में भी शामिल हुए। उन्होंने प्रश्न पूछकर और विचार साझा करके यह साबित किया कि आज का युवा वर्ग समाज की समस्याओं को समझने और समाधान खोजने के लिए गंभीर है।

कई विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए कि कैसे उन्होंने अपने परिवार या आसपास के लोगों को नशे और कुसंगतियों के कारण परेशान होते देखा है। इन अनुभवों ने कार्यक्रम को और अधिक सार्थक बना दिया।


भविष्य की दिशा

संगोष्ठी में यह तय किया गया कि महाविद्यालय स्तर पर ऐसे कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे। रा.से.यो. की इकाइयाँ समय-समय पर समाज में जाकर नुक्कड़ नाटक और जनजागरूकता अभियान चलाएँगी। इससे न केवल महाविद्यालय के छात्र-छात्राएँ जागरूक होंगे, बल्कि आसपास का समाज भी लाभान्वित होगा।

साथ ही, यह भी निश्चय किया गया कि विद्यार्थी स्वयं नशा मुक्त भारत अभियान जैसे राष्ट्रीय अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाएँगे और गाँव-गाँव जाकर लोगों को प्रेरित करेंगे।


श्री माखनलाल चतुर्वेदी शासकीय महाविद्यालय, माखन नगर में आयोजित यह विशेष संगोष्ठी और नुक्कड़ नाटक केवल एक कार्यक्रम भर नहीं था, बल्कि यह एक संदेश था – “कुसंगतियों को छोड़ो, समाज और राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बनो।”

प्राचार्य, कार्यक्रम अधिकारियों, स्टाफ, स्वयंसेवकों और विद्यार्थियों के संयुक्त प्रयास से यह आयोजन अत्यंत सफल रहा। इसने यह साबित कर दिया कि यदि युवा जागरूक हों और समाज में परिवर्तन का संकल्प लें, तो कुसंगतियों जैसी कोई भी बाधा लंबे समय तक टिक नहीं सकती।

राष्ट्रीय सेवा योजना ने इस आयोजन के माध्यम से यह उदाहरण प्रस्तुत किया कि शिक्षा और सेवा का संगम ही सच्चे अर्थों में राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है।समाज में सकारात्मक बदलाव अवश्य संभ

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