नर्मदा राइस मिल के संचालक पर FIR दर्ज, करोड़ों की सरकारी धान बाजार में बेचने का मामला

डिंडोरी के नर्मदा राइस मिल संचालक पर ईओडब्लयू ने धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया है। मिल संचालक दंपती पर तीन करोड़ की सरकारी धान बाजार में बेचने का आरोप है।

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राज्य सरकार द्वारा चावल बनाने के लिए डिंडोरी की जिस नर्मदा राइस मिल को 300 लॉट धान मप्र स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन के जरिए दी थी, उस धान में नर्मदा राइस मिल के संचालक ने हेराफेरी कर दी है। राइस मिल के संचालक ने 300 लॉट में से 60 लॉट धान जिसकी कीमत करीब तीन करोड़ रुपये है, बाजार में बेच दी है। मप्र नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों द्वारा किए गए सत्यापन में संचालक द्वारा तीन करोड़ रुपये का घोटाला करना सामने आने के बाद मामले की जांच मप्र आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) को सौंपी थी। मप्र ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद राइस मिल संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

ईओडब्ल्यू से मिली जानकारी के अनुसार रमेश राजपाल पिता गगन दास राजपाल (43) वार्ड-6, डिंडोरी के रहने वाले हैं और डिंडोरी के कोहफा में नर्मदा राइस मिल संचालक हैं। मप्र राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने उन्हें चावल बनने के लिए 300 लॉट धान दी थी। संचालक ने 222 लॉट चावल 2 मई 2023 तक आपूर्ति निगम को भेज दिया, लेकिन 60 लॉट चावल नहीं भेजा। इसके बाद शेष 60 लॉट धान का भौतिक सत्यापन आपूर्ति निगम के अधिकारियों ने किया था। भौतिक सत्यापन में 60 लॉट धान के विरुद्ध मिल में 9 लॉट धान व 16 लॉट चावल कुल 25 लॉट धान व चावल मिला। शेष 35 लॉट धान मिल में नहीं पाई गई। जांच की गई, तो पता चला कि 35 लॉट धान राइस मिल के संचालक रमेश राजपाल और मिल की प्रोपराइटर व रमेश की पत्नी ऋचा राजपाल ने खुले बाजार में बेच दी है। इसके बाद मामला मप्र आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो, जबलपुर को सौंपा गया था। ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद राइस मिल संचालक दंपती के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का मामला दर्ज कर लिया है। जांच के लिए मामला जबलपुर ईओडब्लयू को सौंप दिया गया है। 

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