डार्क चॉकलेट पौष्टिकता से भरपूर खाद्य पदार्थ है जिसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स और मिनिरल्स होते हैं जो हार्ट को मजबूत बनाने में मदद करते हैं. डार्क चॉकलेट खाने से दिमाग की नसें भी सक्रिय हो जाता है जिससे मूड बेहतर बन जाता है. डार्क चॉकलेट में मौजूद फ्लेवेनॉएड ब्लड प्रेशर को संतुलित करता है और हार्ट से संबंधित बीमारियों के जोखिम को कम करता है. 100 ग्राम डार्क चॉकलेट में 11 ग्राम फाइबर, 66 प्रतिशत आयरन, मैग्नेशियम, कॉपर और मैग्नीज पाया जाता है. इसके अलावा इसमें पोटैशियम, फॉस्फोरस, जिंक और सेलेनियम भी पाया जाता है. हालांकि डार्क चॉकलेट का कम सेवन करना चाहिए क्योंकि इसमें बहुत अधिक मात्रा में शुगर और कैलोरी पाया जाता है.
1.ब्लड फ्लो और ब्लड प्रेशर-हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक डार्क चॉकलेट धमनियों की लाइनिंग इंडोथीलियम को सक्रिय कर देती है जिससे नाइट्रिक ऑक्साइड बनता है. नाइट्रिक ऑक्साइड के बनने से नसों और धमनियों में ब्लड फ्लो तेज हो जाता है और इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है.
2.हार्ट डिजीज का जोखिम कम-डार्क चॉकलेट एलडीएल के ऑक्सीडेशन को रोकने में मदद करती है. लंबे समय तक चॉकलेट खाने से आर्टरीज में जमा बैड कोलेस्ट्रॉल निकल जाता है जिससे हार्ट डिजीज को जोखिम कम हो जाता है. डार्क चॉकलेट हार्ट से संबंधित कई जटिलताएं को कम कर देती है. एक अध्ययन में पाया गया कि डार्क चॉकलेट हाई कोलेस्ट्रॉल से बचाती है. इससे बैड कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल का लेवल भी कम हो जाता है.
3.स्किन की रक्षा-डार्क चॉकलेट में बायो एक्टिव कंपाउड होता है सूर्य की रोशनी से डैमज होने वाली स्किन की रक्षा करता है. यह स्किन में ब्लड फ्लो को बढ़ाती है और स्किन डेंसिटी और हाइड्रेशन को बढ़ाती है.
4.ब्रेन फंक्शन-डार्क चॉकलेट ब्रेन के फंक्शन को तेज करती है. स्टडी में यह साबित हुआ है कि कोकोआ ब्रेन में ब्लड फ्लो को सक्रिय करता है जिसके कारण ब्रेन का फंक्शन तेज हो जाता है. डार्क चॉकलेट शरीर में सेरोटोनिन और इंडोरफिंस हार्मोन को बढ़ा देती है.
5.मेटाबोलिज्म-डार्क चॉकलेट में मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है जो मेटाबोलिज्म को बूस्ट कर कैलोरी को बर्न करने में मदद करता है. इस तरह यह भूख को कम करती है जिसके कारण यह वजन को नियंत्रित करने में बहुत फायदेमंद है