प्रीतम मुंडे की बात करें तो, बीजेपी में वह अकेली नेता हैं जो खुलकर आंदोलनकारी पहलवानों के समर्थन में सामने आई हैं। बुधवार को प्रीतम ने एक बयान में कहा कि, “एक महिला और सांसद होने के नाते मैं इस बात से शर्मिंदा हूं कि हमारी रेसलर बहने इस किस्म के शोषण और उत्पीड़न का सामना कर रही हैं।”
प्रीतम मुंडे का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पहलवानों के मुद्दे पर अभी तक केंद्रीय महिला और बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी चुप हैं। वहीं इस बारे में पूछे गए सवालों पर विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी तो बाकायदा भागती ही नजर आईं।
हाल के दिनों में यह चर्चा भी रही है कि पंकजा मुंडे उद्धव ठाकरे की शिवसेना में शामिल हो सकती हैं, क्योंकि उन्होंने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में स्पष्ट तौर पर कहा था कि, “मैं तो बीजेपी में हूं, लेकिन पार्टी मेरी नहीं है।” इतना ही नहीं उन्होंने यहां तक कहा कि वे अपने ‘भाई’ के पास भी जा सकती हैं। उनका इशारा उन्होंने चचेरे भाई धनंजय मुंडे की तरफ था जो एनसीपी में हैं और उन्होंने 2019 के विधानसभा चनाव में बीड जिले की पारली सीट से उन्हें हराया था।