आपने कभी गौर किया होगा कि शाम के वक्त जब आप अपने दोस्तों के साथ बाहर खड़े होते हैं तो अक्सर किसी एक दोस्त के सिर पर ही सबसे ज्यादा मच्छर आपको नजर आते हैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि अपने दोस्तों के बीच आप ही वो हों, जिसके आसपास सबसे ज्यादा मच्छर घूमते हैं? गर्मियों के आते ही मच्छरों ने भी अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है. शाम के वक्त और रात के समय तो कई बार ये मच्छर सोने भी नहीं देते. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर कुछ लोगों को ज्यादा मच्छर क्यों काटते हैं? इसके पीछे वजह है आपका ब्लड ग्रुप. आइए बताते हैं कि मच्छर के काटने का और आपके ब्लड ग्रुप का आपस में क्या कनेक्शन है.
इस ब्लड ग्रुप के खून के प्यासे हैं मच्छर
दरअसल कई रिसर्च में ये बात सामने आ गई है कि इंसानों को सिर्फ मादा मच्छर ही काटती हैं. उनके काटने के पीछे या कहें आपका खून पीने के पीछे प्रजनन असली वजह होती है. ये मादा मच्छर आपके रक्त में मौजूद पोषक तत्वों को लेने के बाद ही अंडे देती हैं. ऐसे में जापानी वैज्ञानिकों की मानें तो A ब्लड ग्रुप की तुलना में O ब्लड ग्रुप के लोगों के प्रति मच्छर ज्यादा आकर्षित होते हैं. ऐसा माना जाता है कि मच्छरों को ‘ओ’ ब्लड ग्रुप वालों को खून ज्यादा पसंद आता है और इसी ब्लड ग्रुप के लोगों को ज्यादा मच्छर भी काटते हैं. कई रिसर्च में ये साबित हुआ है कि ‘ओ’ ब्लडग्रुप वालों का मेटाबॉलिक रेट ज्यादा होता है और इसलिए मच्छर ऐसे लोगों के प्रति आकर्षित होते हैं.
मच्छर अक्सर ओ ब्लडग्रुप वाले लोगों के पास आते हैं. Image: Canva
कार्बन डाईऑक्साइड करती है आकर्षित
इसके साथ ही कार्बन डाईऑक्साइड की गंध भी मच्छरों को तेजी से इंसानों की तरफ आकर्षित करती है. मादा मच्छर अपने सेंसिंग ऑर्गन से कार्बन डाईऑक्साइड की गंध पहचान कर मानव शरीर के प्रति आकर्षित होती हैं. यही वजह है कि जब आप रात में चैन से सो रहे होते हैं, तब मच्छर CO2 की गंध पहचान आपके पास आ जाते हैं.
वैज्ञानिकों की मानें तो मानव शरीर के कुछ विशेष फ्लूइड भी मच्छरों को आकर्षित करते हैं, जैसे यूरिक एसिड, लैक्टिक एसिड, अमोनिया की महक आदि. ऐसी महक जिन मनुष्यों के पास से आती है, मच्छर वहां ज्यादा मंडराते हैं.
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