
पंडित प्रदीप मिश्रा और प्रेमानंद महाराज
Bhopal :मध्यप्रदेश में सीहोर जिले वाले पंडित यानी प्रदीप मिश्रा का कहना है कि बरसाना राधा जी का मायका नहीं है। राधा रावल गांव की थीं और उनकी शादी छाता में हुई थी। राधा के पिता जी की कचहरी थी। यानी राधा जी के पिता वहां पर कोर्ट लगाते थे। मिश्रा ने यह भी कहा, बरसाने का मतलब है कि बरस यानी साल में एक बार आना। मतबल राधा के पिता साल में एक बार यहां आते थे।
राधा और कृष्णा एक प्राण दो देह हैं|||•••
पंडित प्रदीप मिश्रा ने की राधा रानी पर अमर यदि टिप्पणी|||•••
उनके जवाब में श्री प्रेमानंद महाराज जी का जवाब,,,, अगर ऐसे भागवताचार्य से भागवत सुनेंगे तो आपके पुरखे स्वर्ग नही नरक में जाएंगे|•••••
क्या ऐसे पाखंडियों का… pic.twitter.com/EaPuhplhxQ
— Mahima Yadav (@SinghKinngSP) June 11, 2024
बता दें कि इस बात पर प्रेमानंद महाराज ने प्रदीप मिश्रा को आड़े हाथ ले लिया। उनका कहना है कि प्रदीप मिश्रा को कुछ अता-पता नहीं है। प्रदीप मिश्रा ने राधा को समझा ही नहीं है। प्रेमानंद इस मुद्दे पर वायरल वीडियो में प्रदीप मिश्रा के लिए खड़ी भाषा का उपयोग करते हुए सुने जा सकते हैं।
तमतमा गए प्रेमानंद महाराज
राधारानी पर टिप्पणी के बाद संत प्रेमानंद महाराज जी तमतमा गए हैं। उन्होंने कड़क शब्दों में पंडित प्रदीप मिश्रा को जवाब दिया है। प्रेमानंद महाराज जी ने वीडियो जारी कर कहा कि तुम किस राधा की बात करता है। अभी राधा को तुम जानते कहा हो, अगर जान जाओगे तो आंसुओं से वार्ता होती है। प्रेमानंद जी ने कहा कि वह प्रकट हुईं और सदा प्रकट हैं। वह प्रदीप मिश्रा को कहते हैं कि बरसाने कभी गए हो, कभी देखे हो। प्रेमानंद महाराज जी तल्ख लहजे में पूछते हैं कि तुम क्या जानते हो।
“श्री लाडली जू” पर टिप्पणी करने वालो को महाराज जी ने दिया कड़ा संदेश ! pic.twitter.com/HwqctVWcXk
— 𝗠𝗮𝗵𝗮𝗿𝗮𝗷 𝗝𝗶 (@maharaaj_g) June 10, 2024
बता दें कि पंडित प्रदीप मिश्रा एक प्रसिद्ध कथावाचक गायक और आध्यात्मिक गुरु हैं। कथावचक पंडित मिश्रा की कथाओं को देश-दुनिया के लोग सुनते हैं। प्रदीप मिश्रा के ज्यादातर प्रवचन कथा शिव पुराण से संबंधित होती हैं और पंडित मिश्रा ने कथा वाचन भी शिव पुराण से ही शुरू किया था।
वहीं, राधारानी के परम भक्त और वृंदावन वाले प्रेमानंद जी महाराज को भला कौन नहीं जानता है। वे आज के समय के प्रसिद्ध संत हैं। यही कारण है कि उनके भजन और सत्संग में दूर-दूर से लोग आते हैं। प्रेमांनद जी महाराज की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली हुई है। कहा जाता है कि भोलेनाथ ने स्वयं प्रेमानंद जी महाराज को दर्शन दिए। इसके बाद वे घर का त्याग कर वृंदावन आ गए।
प्रेमानंद जी महाराज का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। प्रेमानंद जी के बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है। इनके पिता का नाम शंभू पांडे और माता का नाम रामा देवी है। सबसे पहले प्रेमानंद जी के दादाजी ने संन्यास ग्रहण किया। साथ ही इनके पिताजी भी भगवान की भक्ति करते थे और इनके बड़े भाई भी प्रतिदिन भगवत का पाठ किया करते थे।