वीआईपी मांग महाराष्ट्र में स्थानांतरण के बाद आईएएस पूजा खेडकर की मानसिक विकलांगता सवालों के घेरे में

ias puja khedkar mental disability in question after her transfer for vip demands maharashtra

आईएएस पूजा खेडकर
– फोटो : एक्स यूजर

आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर इन दिनों सुर्खियों में छाई हुई हैं। वे परिवीक्षा अवधि के दौरान ही विवाद में फंस गई हैं और अब उनके चयन को लेकर ही सवाल उठने शुरू हो गए हैं। दरअसल सिविल सेवा परीक्षा के दौरान पूजा खेडकर ने दावा किया था कि वह मानसिक रूप से दिव्यांग हैं और उन्हें देखने में भी समस्या है, लेकिन हैरानी है कि बिना जांच के ही उनका प्रशासनिक सेवा में चयन हो गया, जिस पर अब विवाद हो रहा है।

आईएएस पूजा खेडकर के चयन पर क्या है विवाद

सिविल सेवा परीक्षा के दौरान पूजा खेडकर ने हलफनामा दायर कर दावा किया था कि वह मानसिक रूप से दिव्यांग हैं और उन्हें आंखों की भी परेशानी है। इस दावे की वजह से चयन में पूजा खेडकर को रियायत दी गई और कम नंबर्स के बावजूद उनका प्रशासनिक सेवा में चयन हो गया। विवाद इस बात पर है कि पूजा खेडकर ने छह अलग-अलग मौकों पर मेडिकल जांच में शामिल होने से किसी न किसी कारण से इनकार कर दिया था। इसके बावजूद उनका चयन हो गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आईएएस पूजा खेडकर की मेडिकल जांच 22 अप्रैल 2022 को नई दिल्ली स्थित एम्स में होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमित होने का दावा कर पूजा खेडकर इस जांच में शामिल नहीं हुईं। इसके बाद 26-27 मई को भी होने वाली मेडिकल जांच में वे शामिल नहीं हुईं। वह लगातार इन जांचों से बचती रहीं। एक जुलाई को भी वह मेडिकल जांच के लिए उपलब्ध नहीं हुईं। हालांकि 22 अगस्त को उनकी एक मेडिकल जांच हुई, लेकिन 2 सितंबर को फिर से एमआरआई जांच के लिए वे नहीं पहुंची। पूजा खेडकर ने एक बाहरी केंद्र से एमआरआई कराकर उसकी रिपोर्ट यूपीएससी को सौंपी, जिसे संघ लोक सेवा आयोग ने अस्वीकार कर दिया था। यूपीएससी ने पूजा खेडकर के चयन को सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में चुनौती दी, लेकिन आखिरकार पूजा खेडकर का चयन हो गया।

ओबीसी वर्ग के दावे पर भी उठे सवाल

आरटीआई कार्यकर्ता विजय कुंभार का दावा है कि पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर भी एक पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं और हाल ही में उन्होंने लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। अपने नामांकन के दौरान दिए हलफनामे में दिलीप खेडकर ने अपनी संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई थी। वहीं पूजा खेडकर ने खुद को ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर स्टेटस के लिए पात्र बताया था। यही वजह है कि अब उनके वर्ग को लेकर भी विवाद हो गया है।

वीआईपी मांगों को लेकर फंसी आईएएस पूजा खेडकर

आईएएस पूजा खेडकर पर पुणे में बतौर प्रोबेशन आईएएस अधिकारी रहते हुए सत्ता के दुरुपयोग का आरोप है। बताया जा रहा है कि उन्होंने कई विशेषाधिकारों की मांग की, जो प्रोबेशन अधिकारियों को नहीं मिलते हैं। आईएएस पूजा ने अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल किया और उस पर लाल बत्ती लगाई। साथ ही उन्होंने एक आधिकारिक कार, आवास, ऑफिस रूम और अतिरिक्त कर्मचारियों की मांग की। ये भी आरोप है कि एडिश्नल कलेक्टर के छुट्टी पर रहने के दौरान आईएएस पूजा खेडकर ने उनके चेंबर पर कब्जा कर लिया और वहां अपनी नेमप्लेट लगा दी। इसके खिलाफ पुणे कलेक्टर ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर शिकायत की, जिसके बाद आईएएस पूजा खेडकर का पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया है।





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