बुद्धि एवं शुभता के देव भगवान गणेश को समर्पित ‘विनायक चतुर्थी’ (Vinayak Chaturthi 2024) हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है। इस बार साल 2024 की पहली ‘विनायक चतुर्थी’ अज यानी 14 जनवरी 2024 को मनाई जा रही है। सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का अहम महत्व है। यह दिन रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन विधि पूर्वक भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही विशेष कार्यों में सिद्धि प्राप्ति हेतु व्रत उपवास रखा जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करने से आय और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। अतः साधक विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। आइए जानें साल 2024 की पहली विनायक चतुर्थी की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, पौष माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 14 जनवरी 2024 को सुबह 7 बजकर 59 मिनट से होगी और इस तिथि का समापन इसके अगले दिन यानी 15 जनवरी 2024 दिन सोमवार को सुबह 4 बजकर 59 मिनट पर तिथि का समापन होगा। पंचांग के मुताबिक, पौष माह में विनायक चतुर्थी का पर्व 14 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा।
पूजा विधि
- विनायक चतुर्थी के दिन सुबह ब्रह्म बेला में उठें। इस दिन की शुरुआत गणपति बप्पा के ध्यान से करें।
- इसके बाद गंगाजल मिश्रित जल से स्नान करें और पीले वस्त्र धारण करें।
- मंदिर की साफ-सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें और अब सूर्य देव को जल दें।
- इसके बाद एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान गणेश की प्रतिमा विराजमान करें।
- अब कलश स्थापित करें और विधिपूर्वक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करें। गणपति बप्पा को मोदक, कुमकुम, अक्षत, चंदन, फूल और मोदक चढ़ाएं।
- गणेश चालीसा का पाठ और भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें या सुनें। संध्याकाल में आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
- अब फलाहार करें और अगले दिन पूजा करने के बाद व्रत का पारण करें।
धार्मिक महत्व
धार्मिक शास्त्र में विनायक चतुर्थी का बहुत ज्यादा महत्व है। इस दिन विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश गणेश की पूजा करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। साथ ही कार्यों में किसी भी तरह की कोई रुकावट नहीं आती है।