वन विभाग को जब घटना की सूचना मिली तो तत्काल एक टीम घटनास्थल पर पहुंची। जांच के दौरान टीम को जंगल में रक्तरंजित ठूंठ, चीतल का सिर और शिकार में इस्तेमाल किया गया क्लच वायर का फंदा मिला। साक्ष्यों के आधार पर वन विभाग ने आरोपियों के खिलाफ वन अपराध प्रकरण क्रमांक 1674/25 के तहत मामला दर्ज किया। गिरफ्तार आरोपियों को 28 अप्रैल को न्यायालय उमरिया में प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। फरार तीन अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए वन विभाग की टीम संभावित इलाकों में लगातार दबिश दे रही है। विभाग का कहना है कि जल्द ही शेष आरोपियों को भी पकड़ लिया जाएगा।
इस संपूर्ण कार्रवाई में परिक्षेत्र अधिकारी खितौली एवं पतौर, परिक्षेत्र सहायक गढ़पुरी, बीटगार्ड डोभा, रंछा, गढ़पुरी, उमरिया बकेली सहित अन्य वनकर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विभागीय अधिकारियों ने जानकारी दी कि आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके।