Ujjain News: तर्पण करने के लिए 82 तीर्थयात्रियों का एक समूह दुबई से उज्जैन आया

Ujjain News: A group of 82 pilgrims came from Dubai to Ujjain to perform Pitra Tarpan

दुबई-बहरीन से अया 82 लोगों ग्रुप।

Ujjain News: देश बदला, संस्कार नहीं…दुबई से उज्जैन आया 82 तीर्थयात्रियों का ग्रुप, पितृ तर्पण किया महाकाल काल भैरव हरसिद्धि और त्रिवेणी घाट पर भी पहुंचे

भारत अद्भुत देश है धार्मिक, सामाजिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से यह देश दुनिया भर में विख्यात है। यही वह देश है, जिसे कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था। इसी राष्ट्र के मध्य भाग मे उज्जैन ऐसा शहर हैं, जिनकी अपनी विरासत है। अवंतिका नगरी यानी उज्जैन अपने आप में धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और कई चमत्कार समेटे हुए है। सामान्य तौर पर भी देश-दुनिया के सनातनियों की आस्था का यह अद्भुत और बहुत बड़ा केंद्र है। इसीलिए देश-विदेश से बड़ी संख्या मे लोग यहां पहुंचते हैं।

देश बदला संस्कार नही....दुबई से उज्जैन आया 82 तीर्थयात्रियों का ग्रुप, पितृ तर्पण किया महाकाल क

यह तो रही इन आस्था के केंद्रों के महत्व की बात, परंतु यह भी गर्व करने की बात है कि जो गुजराती 70-80 साल से दुबई या विदेशों में बसे हुए हैं, वे आज भी मूलवतनी होकर अपनी संस्कृति से बंधे हुए हैं। कहते हैं कि जहां-जहां बसे गुजराती, तहां- तहां बसा गुजरात। हकीकत मे गुजराती भले ही विदेशों में जाकर बस गए हों, लेकिन उन्होंने अपनी संस्कृति नहीं खोई है। यही वजह है कि समय-समय पर वे हिंदुस्तान आकर अपने धर्म, संस्कृति, अध्यात्म और इतिहास से रूबरू होते रहते हैं और आने वाली पीढ़ी को भी अपनी संस्कृति में ढालते रहते हैं। भले ही ये गुजराती अरबपति हों, खरबपति हों, परंतु भारतीय और अपनी मूलवतनी गुजराती संस्कृति इनके रग-रग में बसी हुई है।

देश बदला संस्कार नही....दुबई से उज्जैन आया 82 तीर्थयात्रियों का ग्रुप, पितृ तर्पण किया महाकाल क

दुबई-बहरीन से करीबन 82 लोगों का एक ग्रुप फ्लाइट से इंदौर आया और यहां से उज्जैन पहुंच कर विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंच कर बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना कर दर्शन किए। इस ग्रुप के आयोजक सोनी परजिया समाज दुबई के प्रमुख नटवरलाल शांतिलाल सागर तथा अमेजन टूर्स एंड ट्रेवल्स दुबई के संचालक हसुभाई और स्मिता बेन भी इस ग्रुप के साथ थे। शारजाह एयरपोर्ट से 2 बजे यह ग्रुप रवाना हुआ और सुबह 9.30 बजे इंदौर पहुंचा। 11 बजे उज्जैन पहुंचकर धर्मलाभ लेना शुरू किया चूंकि श्राद्ध पक्ष शुरू हो चुका है, इसलिए इस ग्रुप ने सुबह-सुबह उज्जैन में पितरों की याद में तर्पण किया फिर भगवान मंगलनाथ की शरण में पहुंचकर उज्जैन की उस पावन भूमि यानी मंगल ग्रह के उत्पत्ति स्थल के दर्शन किए।

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यह ग्रुप नवग्रह मंदिर भी पहुंचा, जहां सूर्य, चंद्र, मंगल, बृहस्पति, बुध, शनि, शुक्र, राहू, केतु ग्रहों के दर्शन कर सुखद आनंद की अनुभूति हुई। उज्जैन के कई धार्मिक स्थलों के दर्शन करते हुए यह ग्रुप बड़े गणपति पहुंचा वहां से निकलकर हरसिद्धि माता की आरती में शामिल हुआ और फिर उन बाबा महाकाल के दर्शन कर आरती में शामिल हुए, जो इस ग्रुप के जीवन का बहुत बड़ा उद्देश्य था। काल भैरव मंदिर के बारे में इस ग्रुप ने अब तक सुना ही सुना था, पर जब बाबा काल भैरव के दर्शन हुए तो ऐसा लगा मानो सब कुछ मिल गया हो। जिसके बाद यह ग्रुप उज्जैन से होते हुए इंदौर पहुंचा और फिर दुबई के लिए रवाना हो गया।

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