Ujjain Mahakal : परंपरा की रोशनी से जगमग होगी बाबा महाकाल की दीपावली, 10 नवंबर से शुरू होंगे त्यौहार

Ujjain Mahakal: Baba Mahakal Diwali will shine with the light of tradition festivals will start from Nov 10

महाकाल मंदिर परिसर (फाइल फोटो)

विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 12 नवंबर 2023 को दीपावली पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। तड़के 4 बजे भस्म आरती मे पुजारी भगवान को केसर, चंदन का उबटन लगाकर गर्म जल से स्नान कराएंगे। पश्चात सोने, चांदी के आभूषण से विशेष श्रृंगार किया जाएगा। भगवान को अन्नकूट का महाभोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की जाएगी। सुबह 7.30 बजे बालभोग आरती में भी भगवान को अन्नकूट का भोग लगाया जाएगा।

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया महाकाल मे दीप पर्व का आरंभ 10 अक्टूबर को धनत्रयोदशी से होगा। इस दिन मंदिर के पुरोहित परिवार द्वारा सुबह भगवान का अभिषेक पूजन किया जाएगा। देश में सुख समृद्धि की कामना से चांदी का सिक्का रखकर पूजा अर्चना की जाएगी। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित चिकित्सालय में भगवान धन्वंतरि की पूजा अर्चना की जाएगी। 12 नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी। मंदिर की पूजन परंपरा में इस दिन से अधिक सर्दी की शुरुआत मानी जाती है। इसलिए भगवान महाकाल को गर्म जल से स्नान कराने का क्रम शुरू होता है, जो फाल्गुन पूर्णिमा तक चलता है।

गर्म जल से शुरू होगा बाबा महाकाल का स्नान

भस्म आरती में पुजारी केसर, चंदन का उबटन लगाकर भगवान को गर्म जल से स्नान कराएंगे। सोने चांदी के आभूषण से आकर्षक श्रृंगार कर नए वस्त्र धारण कराए जाएंगे। पश्चात अन्नकूट का महाभोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की जाएगी। शाम को दीपोत्सव अंतर्गत समृद्धि के दीप जलाए जाएंगे।

एक दिन पहले मनाए जाते हैं हिंदू धर्म के सभी प्रमुख त्योहार

महाकाल मंदिर के पुजारी पं. महेश गुरु ने बताया कि महाकाल मंदिर में परंपरा अनुसार हिंदू धर्म के सभी प्रमुख त्योहार एक दिन पहले मनाए जाते हैं। मान्यता है कि भगवान महाकाल अवंतिका के राजा हैं, इसलिए त्योहार की शुरुआत राजा के आंगन से होती है। इसके बाद प्रजा उत्सव मनाती है। अनादिकाल से चली आ रही इस परंपरा के अनुसार इस बार भी 12 नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी। इस दिन से सर्दी की शुरुआत भी मानी जाती है, इसलिए भगवान महाकाल को गर्म जल से स्नान कराने का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा, जो फाल्गुन पूर्णिमा तक चलेगा।

चार दिवसीय दीपपर्व में यह रहेगा खास

धनतेरस : इस दिन पुरोहित समिति की ओर से विशेष पूजा होगी। धनतेरस से चार दिवसीय दीपपर्व का आगाज होगा। इस दिन पुरोहित समिति द्वारा देश में सुख, समृद्धि व अरोग्याता की कामना से भगवान महाकाल का अभिषेक-पूजन किया जाएगा। पुरोहित समिति के अध्यक्ष पं. महेश गुरु ने बताया कि भगवान को सुख-समृद्धि के लिए चांदी का सिक्का अर्पित कर पूजा-अर्चना की जाएगी।

रूप चतुर्दशी : 11 नवंबर को रूप चतुर्दशी पर पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान को केसर चंदन का उबटन लगाएंगी। पुजारी भगवान को गर्म जल से स्नान कराएंगे। कर्पूर से आरती होगी। साल में एक दिन रूप चतुर्दशी पर पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान का रूप निखारने के लिए उबटन लगाकर कर्पूर आरती करती हैं। स्नान के बाद महाकाल को नए वस्त्र, सोने चांदी के आभूषण धारण कराकर आकर्षक श्रृंगार किया जाएगा। इसके बाद अन्नकूट भोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की जाएगी।

दीपावली : 12 नवंबर को दीपावली पर तड़के चार बजे भस्मारती से रात 10.30 बजे शयन आरती तक नियमित पांच आरतियों में फुलझड़ी चलाई जाएगी। भगवान का विशेष श्रृंगार किया जाएगा।

गोवर्धन पूजा : 13 नंवबर कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा पर मंदिर के मुख्य द्वार पर पुजारी परिवार की महिलाएं गोबर से गोवर्धन बनाकर पूजा-अर्चना करेगी। इसके बाद चिंतामन स्थित मंदिर की गोशाला में गोवंश की पूजा-अर्चना की जाएगी।

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