
जिसमें बाबा मस्तक पर चंद्र और त्रिपुंड से शृंगारित हुए साथ ही फूलों की माला भी धारण की। शृंगार के बाद बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग को महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा भस्म रमाई गई और फिर कपूर आरती की गई और भोग भी लगाया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, जिन्होंने बाबा महाकाल के इस दिव्य स्वरूप के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया और बाबा महाकाल की भक्ति में लीन होकर जय श्री महाकाल का उद्घोष करने लगे।
बाबा के भक्त द्वारा रजत छत्र भेट किया
श्री महाकालेश्वर मंदिर में मुरादाबाद से पधारे हिमांशु जुनेजा ने पुजारी गौरव शर्मा की प्रेरणा से भगवान श्री महाकालेश्वर जी को रजत छत्र भेंट किया गया। जिसे श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा प्राप्त पर दानदाता का सम्मान किया और विधिवत रसीद प्रदान की गईं। श्री महाकालेश्वर मंदिर में पुजारी अर्पित शर्मा की प्रेरणा से गुड़गांव के प्रफुल्ल माथुर द्वारा एक नग चांदी का मुकुट श्री महाकालेश्वर भगवान को भेट किया गया।
वहीं श्री महाकालेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के नांदेड से पधारे रोहित बागधरे ने भगवान श्री महाकालेश्वर को एक नग रजत मुकुट मय नागकुण्डल भेंट किया गया। जिसका वजन लगभग 2607.600 ग्राम है। जिसे श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा प्राप्त पर दानदाता का सम्मान किया व विधिवत रसीद प्रदान की गईं।