नर्मदापुरम जिला न्यायालय परिसर में स्थित प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की कोर्ट में कठघरे से लाखों रुपए की धोखाधड़ी के दो आरोपी भाग गए। सराफा व्यापारी/डेरिया वेयरहाउस के मालिक व मुनीम दोनों आरोपी जमानत खारिज होने की संभावना के चलते न्यायिक अभिरक्षा से भाग निकले। जिसके बाद हड़कंप मच गया। दोनों वेयरहाउस संचालक और मुनीम दोनों की कोतवाली और माखननगर पुलिस तलाश का रही है। देर रात कोतवाली थाने में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट कोर्ट के लिपिक की सूचना पर अनिल डेरिया और अशोक व्यास के खिलाफ आईपीसी की धारा 224 के तहत केस दर्ज किया। रात में आरोपी की तलाश में पुलिस जुटी है।
यह है पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक फरियादी किसान प्रदीप मीणा निवासी माखननगर ने करीब 3 साल पहले कोरोना काल के दौरान करीब 648 क्विंटल अनाज बागरा रोड स्थित अनिल डेरिया के वेयरहाउस में रखा था। अनाज रखने के सारे दस्तावेज किसान के पास रखे है। लॉकडाउन के बाद किसान अपना अनाज वेयरहाउस से निकालने गया तो मुनीम अशोक व्यास और संचालक अनिल डेरिया ने यहां कहकर मना कर दिया कि यहां कोई अनाज नहीं रखा है। किसान ने थाने में शिकायत की। मामले की जांच के बाद वेयरहाउस के संचालक अनिल डेरिया और उसके मुनीम धोखाधड़ी और अमानत खयानत का केस दर्ज किया गया। बाद में उसे नोटिस पर छोड़ दिया गया था। जिसका गुरुवार को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट अनुभूति गुप्ता की कोर्ट में चालान पेश हुआ।
जमानत खारिज होने के डर से भागे आरोपी
प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुभूति गुप्ता की कोर्ट में जब चालान पेश किया गया। आरोपी अनिल डेरिया और अशोक व्यास न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया गया। आरोपी पक्ष की ओर से कोट मे जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया। फरियादी प्रदीप मीणा के अधिवक्ता अनूप सिंह तोमर ने जमानत याचिका पर आपत्ति लेते हुए पुराने अपराधों का हवाला दिया। जमानत याचिका निरस्त होने का निर्णय होने वाला था कि उससे पहले आरोपी अनिल डेरिया और अशोक व्यास कठघरे से चुपचाप दबे पैर भाग निकले। जिसके बाद कोर्ट के लिपिक सुनील रघुवंशी ने कोतवाली थाने में लिखित आवेदन देकर एफआईआर कराई। वहीं दोनों आरोपियों की धोखाधड़ी के आरोप में जमानत खारिज होने के बाद आरोपियो के खिलाफ जेल वारंट जारी किया गया।
चोरी के जेवर खरीदी में भी आ चुका नाम
आरोपी अनिल डेरिया माखननगर में सराफा व्यापारी भी है। ट्रेन से चुराएं गए जेवर खरीदने के मामले में भी अनिल डेरिया का नाम आ चुका है। करीब 8 महीने जीआरपी इटारसी ने ट्रेनों में चोरी किए गए सोने के आभूषणों को खरीदने के आरोप में सर्राफा कारोबारी सुमित डेरिया और अनिल डेरिया निवासी माखननगर को गिरफ्तार किया था। खरीदने के करीब 9 मामलों में उसे आरोपी बनाया गया था।