क्यों खास है हल्दी, केवड़ा जल और नीम का पेस्ट
पिछले 10 वर्षों से ब्यूटी प्रोडक्ट्स तथा मेडिसिनल प्लांट्स पर कार्य कर रहे, एक्सपर्ट राजकुमार बताते हैं कि हल्दी में करक्यूमिन नामक एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होता है, जो त्वचा को चमकदार बनाने और दाग-धब्बों को हल्का करने में मदद करता है. हल्दी का उपयोग प्राचीन काल से त्वचा रोगों के इलाज के लिए किया जाता रहा है.
केवड़ा जल
केवड़ा जल त्वचा को हाइड्रेट करने के साथ-साथ इसे ठंडक प्रदान करता है. इसके एंटी-सेप्टिक गुण त्वचा में छिपे बैक्टीरिया को खत्म करते हैं, जिससे मुंहासे और अन्य संक्रमण कम होते हैं.
नीम
नीम अपने एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल गुणों के लिए जाना जाता है. यह त्वचा की गहराई से सफाई करता है और त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे दाग-धब्बे, झुर्रियों, और मुंहासों को कम करने में सहायक है.
चरक संहिता में वर्णित उपयोग विधि
राज कुमार बताते हैं कि चरक संहिता में हल्दी, केवड़ा जल और नीम का पेस्ट बनाने और इस्तेमाल करने की विधि का विस्तृत वर्णन मिलता है. इस उपचार को आप अपने घर पर भी आसानी से बना सकते हैं.
सामग्री: 2 चम्मच हल्दी पाउडर, 1 चम्मच नीम की पत्तियों का पेस्ट (ताजा), 2 चम्मच केवड़ा जल
विधि: सबसे पहले नीम की ताजा पत्तियों को पानी में अच्छी तरह धो लें और फिर उन्हें पीसकर पेस्ट बना लें. अब एक बाउल में हल्दी पाउडर, नीम का पेस्ट और केवड़ा जल मिलाकर एक समान मिश्रण तैयार कर लें. इस पेस्ट को अपने चेहरे पर या उन स्थानों पर लगाएं, जहां दाग-धब्बे या झुर्रियां हैं. पेस्ट को 20-30 मिनट तक चेहरे पर सूखने दें, फिर गुनगुने पानी से धो लें. इस प्रक्रिया को सात दिनों तक नियमित रूप से करें.
कितने दिनों में मिलेगा असर ?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस पेस्ट का उपयोग लगातार सात दिनों तक करने से त्वचा के दाग-धब्बों और झुर्रियों में स्पष्ट अंतर दिखाई देने लगता है. हल्दी और नीम के प्राकृतिक गुण त्वचा को पोषण देते हैं और उसे पुनर्जीवित करते हैं. हालांकि, हर व्यक्ति की त्वचा अलग होती है, इसलिए कुछ लोगों को असर जल्दी दिख सकता है जबकि कुछ को थोड़ा समय लग सकता है.