बीजेपी ऐसे संकट मे जहां बोम्मई अन्य निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं, तो उनकी पत्नी चेन्नम्मा और बेटे भरत भी उनकी ओर से प्रचार कोई कसर नही छोड़ रहे हैं। कांग्रेस के साथ मौन सहमति के आरोपो पर भरत ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। यह एक हास्यास्पद सवाल है। हम एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं और मेरे पिता मुख्यमंत्री रहने से पहले भी निर्वाचन क्षेत्र में बहुत लोकप्रिय रहे हैं और वह अब भी स्थानीय लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। इसलिए इसमें कोई शक नहीं है और वह बड़े अंतर से आसानी से यह सीट निकाल रहे हैं।
2018 के विधानसभा चुनावों में बोम्मई ने सैयद अजीमपुर खदरी को 8765 मतों के अंतर से हराया था। बोम्मई को 83,368 मत मिले, और खदरी को 74,603 मत मिले। जेडीएस के उम्मीदवार अशोक बेविनामार को 1353 वोटो से संतोष करना पड़ा था। निर्दलीय उम्मीदवार सोमन्ना को 7203 मत मिले। इस चुनाव में कांग्रेस के पास पठान यासिर अहमद खान के रूप में एक नया चेहरा है, जबकि जेडीएस के उम्मीदवार शशिधर येलीगर निर्वाचन क्षेत्र में बहुत लोकप्रिय हैं। यही कारण है कि बीजेपी के लिए इस शीट काटे की टक्कर मिलने वाली है।