3 नेचुरल हर्ब्स से करें एसिडिटी का इलाज,आसान है सेवन का तरीका

  जब पेट में एसिड ज्यादा बनने लगे और वह उल्टी दिशा में उपर गले की ओर बढ़ने लगे तो इसे एसिडिटी कहते हैं. हालांकि मेडिकल टर्म में एसिडिटी शब्द नहीं है बल्कि इसे जीईआरडी यानी गैस्ट्रोइसोफेगल रिफलेक्स डिजीज कहते हैं. इसे आम भाषा में हार्ट बर्न भी कहा जाता है लेकिन हार्ट बर्न इस बीमारी का लक्षण है. जीईआरडी में पेट में स्टोमेक रिफलेक्स करने लगता है. हार्ट बर्न का सामना अधिकांश लोगों को समय-समय पर करना पड़ता है लेकिन कुछ लोगों में यह लगातार परेशानी देता है जिसके कारण जीईआरडी की बीमारी हो जाती है. जीईआऱडी के लिए अनहेल्दी फूड, स्मोकिंग, शराब और शिथिल जीवन जिम्मेदार है.

हालांकि जड़ी-बूटियों से भी हम एसिडिटी का इलाज कर सकते हैं. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिसर्च में भी यह प्रमाणित किया गया है कि कुछ हर्ब्स से एसिडिटी का इलाज किया जा सकता है. एसिडिटी के इलाज से पहले यह जानना जरूरी है कि इसके लक्षण क्या-क्या हैं.

जीईआरडी के लक्षण
छाती में जलन महसूस होता है, खासकर खाने के बाद, यह रात में ज्यादा गंभीर हो जाता है.
जब हम लेटते हैं तो दर्द भी होने लगता है.
खाने के बाद खट्टी डकार होने लगती है.
पेट के उपरी हिस्से और छाती में दर्द होता है.
निगलने के दौरान दिक्कत होने लगती है.
ऐसा लगता है कि गले में कुछ अटका हुआ है.

3 हर्ब्स से करें एसिडिटी का इलाज

1.कैमोमाइल -कैमोमाइल एक पौधा है. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की वेबसाइट के मुताबिक कैमोमाइल से एसिडिटी का इलाज किया जा सकता है. इसकी चाय बनाकर आप पी सकते है जिससे आहार नली को सुकून मिलता है. हालांकि यदि आपको रैगवीड से एलर्जी है, तो कैमोमाइल का इस्तेमाल न करें.

2.अदरक-आयुर्वेद में अदरक से कई बीमारियों का इलाज किया जाता है, यह हम सब जानते हैं. अदरक एसिडिटी का भी इलाज कर सकती है. हार्वर्ड मेडिकल के मुताबिक अदरक के पौधे की जड़ एसिडिटी के लिए नेचुरल हर्बल दवा है. इससे पाचन में मदद मिलती है. हार्टबर्न के लिए अदरक का सदियों से इस्तेमाल किया जाता है.

3.मुलेठी-कई अध्ययनों में मुलेठी के गुणों को प्रमाणित किया गया है. मुलेठी से एसिडिटी का पूरी तरह इलाज किया जा सकता है. मुलेठी आंत की लाइनिंग में कोटिंग को मजबूत करता है जिससे पेट में जब एसिड बनता है तो इसके दुष्प्रभाव को आगे नहीं बढ़ने देता. मुलेठी का पाउडर या टैबलेट भी अब बाजार में मिलने लगा है.

हार्ट बर्न के लिए अन्य हर्ब्स
एसिडिटी या हार्टबर्न को रोकने के लिए सदियों से लोगों अलग-अलग हर्ब्स का इस्तेमाल करते आ रहे हैं. कैटनिप पौधा, सौंफ, मार्शमैलो की जड़ और पपीते की चाय से सदियों से हार्टबर्न का इलाज किया जाता रहा है. इसके साथ ही एलोवेरा जूस और अजवाइन से भी एसिडिटी का इलाज किया जाता है. आय़ुर्वेद में त्रिफला चूर्ण से गैस, ब्लॉटिंग और एसिडिटी का इलाज किया जाता है.

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