जहर भी बन सकती है ज्यादा हर्बल मेडिसीन, किडनी फेल का सबसे ज्यादा खतरा,

Kidney fail by herbal medicine: एशियाई देशों में बिना सोचे-समझे किसी बीमारी में कुछ भी खाने की आदत होती है. अगर किसी को कोई शारीरिक परेशानियां होती हैं तो लोग उन्हें तरह-तरह की सलाह देते हैं. कोई कहता है फलां पौधे की छाल ले आओ तो कोई कहता है ये हर्बल दवा ले आओ. लेकिन यदि आप किसी अनट्रेंड या बिना प्रशिक्षण प्राप्त किए झोला छाप डॉक्टरों से हर्बल मेडिसीन लेते हैं तो इससे किडनी भी फेल हो सकती है. चीनी हर्बल मेडिसीन के साथ यह ज्यादा होता है. कई ऐसे वाकए हुए हैं जिनसे यह साबित हुआ है कि हर्बल मेडिसीन सभी व्यक्तियों के लिए ठीक नहीं है. इससे किडनी फेल्योर और लिवर को भारी नुकसान पहुंच सकता है. इसी मुद्दे पर हमने नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, गुड़गांव में सीनियर कंस्लटेंट और नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. प्रीति बंसल से बात की.

किडनी पर सीधा असर

डॉ. प्रीति बंसल ने कहा कि यह बात पैथोलॉजिकली प्रूव है कि हर्बल मेडिसीन या अल्टरनेटिव दवा से कुछ व्यक्तियों में किडनी फेल का खतरा रहता है. चाइनीज हर्ब्स नेफ्रोपैथी दवा पर कई रिसर्च हुई हैं जिनमें इनके नुकसान के बारे पता चला है. यहां तक कि कुछ व्यक्तियों की ऐसे हर्ब्स से मौत तक हो गई है. इस दवा में एरिस्टोलॉचिक एसिड पाया गया जो किडनी को तेजी के साथ डैमेज करने लगता है. एरिस्टोलॉचिक एसिड को कैंसरकारक भी माना गया है. डॉ. प्रीति बंसल ने बताया कि ऐसी दवा लेने से धीरे-धीरे किडनी में घाव होने लगता है जो इंटरस्टीशियल फाइब्रोसिस में बदल जाता है. इससे किडनी फेल हो जाती है. यहां तक कि यह लिवर को भी नुकसान पहुंचाता है. कई बार हम लोग भी झोला छाप डॉक्टरों की सलाह पर इस तरह के हर्बल प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन ऐसी दवाओं का इस्तेमाल करने से पहले सौ बार सोचना चाहिए. खास तरह से जो प्रशिक्षित डॉक्टर हो, उन्ही की सलाह पर हर्बल मेडिसीन का इस्तेमाल करना चाहिए. हर्बल मेडिसीन लेने के बाद अगर उल्टी, डायरिया, मतली, चक्कर या पेट से संबंधित कोई परेशानी हो, तो इसे तुरंत बंद कर दें और डॉक्टर के पास जाएं.

लिवर डैमेज होने का भी खतरा

इधर, मेडिकल जर्नल ऑफ ऑस्ट्रेलिया में प्रकाशित एक रिसर्च में भी दावा किया गया है कि हर्बल मेडिसीन कुछ मामलों में किडनी फेल्योर और लिवर डैमेज का कारण बन सकती है. क्योंकि हर्बल मेडिसीन में टॉक्सिक केमिकल और हैवी मेटल होते हैं जो अन्य दवाइयों के साथ प्रतिक्रिया कर हानिकारक केमिकल बनाने लगते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ एडिलेड के शोधकर्ताओं ने हर्बल मेडिसीन पर 52 अध्ययनों का विश्लेषण किया और इस आधार पर यह निष्कर्ष निकाला. अध्ययन के मुताबिक लोग यह सोचते हैं कि प्लांट में किसी तरह का टॉक्सिन क्यों होगा लेकिन यह बिल्कुल गलत है. कुछ पौधों में टॉक्सिक मैटेरियल बहुत ज्यादा होता है. जब किसी चीज में कम मात्रा में टॉक्सिन होता है तो लिवर और किडनी इसे हटा देती है लेकिन जब ज्यादा मात्रा में टॉक्सिन हो तो इसे निकालना मुश्किल हो जाता है. यही कारण है कुछ व्यक्ति जब हर्बल मेडिसीन का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें उल्टियां, मतली और चक्कर जैसी शिकायतें होती है. यहां तक कि कुछ लोगों में किडनी भी फेल हो सकती है और लिवर भी डैमेज हो सकता है. एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि ऑस्ट्रेलिया में जो चीनी हर्बल मेडिसीन मिलते हैं, उनमें से 61 प्रतिशत में लेड, कैडिमियम और अर्सेनिक जैसे तत्व मौजूद मिले. ये सभी तत्व कैंसर के लिए भी जिम्मेदार हो सकते हैं.

क्या करें उपाय

ज्यादातर हर्बल मेडिसीन के डिब्बों पर सावधानियों के बारे में नहीं लिखा रहता. इसलिए लोग इस पर ध्यान भी नहीं देते हैं. ऑस्ट्रेलिया में इसी कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई. वह हर्बल मेडिसीन का इस्तेमाल कर रहा था जिसके कारण एक दिन अचानक उसका लिवर फेल हो गया जिससे उसकी मौत हो गई. इसलिए उसी हर्बल मेडिसीन को खरीदें जिसपर सावधानियां या चेतावनी लिखी हो. इसके अलावा आप एक्सपर्ट डॉक्टर की सलाह से ही ऐसी दवा खरीदें.

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