टीकमगढ़ के सीएमएचओ की मुश्किलें बढ़ी।
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने वर्ष 2023 के एक मामले में जवाब न देने के कारण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ), टीकमगढ़, डॉ. रोशन के खिलाफ 5,000 रुपये का जमानती वारंट जारी किया है। यह वारंट धारा 32(क) व्यवहार प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत जारी किया गया है, जिसके तहत उन्हें नौ सितंबर, 2024 को व्यक्तिगत रूप से आयोग के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया गया है। पुलिस अधीक्षक के माध्यम से यह वारंट तामील कराया जाएगा।
मामला 2023 का है, जब आयोग ने एक अखबार में प्रकाशित खबर ’15 वर्षों से झोलाछाप डॉक्टर कर रहा मरीजों की जान से खिलवाड़’ पर स्वतः संज्ञान लिया था। आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, टीकमगढ़ से जांच कर 30 मई, 2023 तक प्रतिवेदन मांगा था। इसके बाद कई स्मरण पत्र और व्यक्तिगत पत्र जारी किए गए, लेकिन डॉ. रोशन ने न तो प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और न ही कोई कारण दर्शाया। इससे पहले, आयोग ने 19 जुलाई, 2024 को व्यक्तिगत उपस्थिति के निर्देश भी दिए थे, लेकिन डॉ. रोशन ने न तो प्रतिवेदन दिया और न ही आयोग के समक्ष उपस्थित हुए। इसके चलते आयोग ने 5,000 रुपये का जुर्माना अधिरोपित करते हुए शो-कॉज नोटिस जारी किया है, जिसमें उन्हें 9 सितंबर, 2024 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रोशन ने दूरभाष पर बताया कि मानव अधिकार आयोग द्वारा उन्हें उपरारा गांव में एक झोलाछाप डॉक्टर की जांच का आदेश दिया गया था, जिसे उन्होंने बीएमओ को फॉरवर्ड किया था। बीएमओ ने हाल ही में रिपोर्ट दी है, जिसे वे नौ सितंबर को मानव अधिकार आयोग के समक्ष पेश करेंगे।