बादाम का छिलका: फायदे और नुकसान
फायदे:
फाइबर से भरपूर: छिलके में फाइबर होता है जो पाचन क्रिया बेहतर बनाता है.
एंटीऑक्सीडेंट: छिलके में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले मुक्त कणों से बचाते हैं.
विटामिन और खनिज: छिलके में विटामिन E, B2, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व होते हैं.
नुकसान:
पाचन में परेशानी: कुछ लोगों को बादाम का छिलका पचाने में परेशानी हो सकती है.
कड़वा स्वाद: छिलके का स्वाद कड़वा होता है, जो कुछ लोगों को पसंद नहीं आता है.
तो क्या करें?
पसंद के अनुसार: आप अपनी पसंद और पाचन क्षमता के अनुसार छिलका उतारकर या बिना उतारे बादाम खा सकते हैं. हालांकि दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल की डायटीशियन डॉ. मनीषा वर्मा कहती हैं कि पुरानी कई स्टडीज में कहा गया है कि भीगे हुए बादाम का छिलका उतारकर खाना चाहिए. भिगोने के बाद टैनिन नाम का पदार्थ इसके छिलके में आ जाता है और इसे हटा देने से बादाम का 100 फीसदी लाभ मिलता है. यहां तक कि आयुर्वेद आदि में भी यही बात कही गई है.
लेकिन न्यूट्रीशन को लेकर साइंटिफिक आधार पर हुई हालिया स्टडीज में यह सामने आया है कि बादाम का छिलका भी फायदेमंद है और अगर बादाम से छिलका न उतारा जाए तो इससे शरीर को फाइबर और विटामिन ई मिलता है.
छिलका उतारने के लिए:
बादाम को रात भर पानी में भिगो दें. सुबह छिलका आसानी से निकल जाएगा.
छिलका न उतारने के लिए:
अच्छी तरह से चबाकर खाएं.
थोड़ी मात्रा में खाएं.
बादाम का छिलका फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिज से भरपूर होता है. लेकिन कुछ लोगों को इसे पचाने में परेशानी हो सकती है. जिन लोगों को पाचन संबंधी समस्या है या जो बुजुर्ग लोग हैं जो नौजवानों की तरह न तो चीजों को पचा सकते हैं और न ही इतनी मेहनत कर सकते हैं उन्हें बादाम छीलकर ही खाने चाहिए. ताकि बादाम से पर्याप्त पोषण मिल सके और इन्हें पचाने में भी दिक्कत न हो. वहीं युवा, बच्चे और जिन लोगों को डाइजेशन की परेशानी नहीं है वे बादाम को छिलके सहित भी खा सकते हैं.