आपको बता दें कि महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर पुरुष के साथ शारीरिक संपर्क में आने के बाद फैलता है. इसके लिए ह्यूमन पैपिलोमा वायरस जिम्मेदार होता है. यही वजह है कि भारत सरकार 9 से 14 साल की लड़कियों को सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन लगाने का वादा कर चुकी है. ताकि शारीरिक संपर्क की उम्र से पहले ही लड़कियों को सुरक्षित किया जा सके. आइए जानते हैं सर्वाइकल कैंसर के कारण और लक्षणों के बारे में..
सर्वाइकल कैंसर होने के कारण
पीजीआई चंडीगढ़ और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेजों में दो दशक से ज्यादा प्रोफेसर रहीं जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. शारदा जैन बताती हैं कि सर्वाइकल कैंसर एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) के कारण होता है. एचपीवी शरीर में प्रवेश करके गर्भाशय के अंदरूनी हिस्से में संक्रमण करता है और बिना कोई लक्षण प्रकट किए यह बढ़ता जाता है और कैंसर का रूप ले लेता है. हालांकि 70 फीसदी महिलाओं में यह 30 साल की उम्र तक डायग्नोस हो जाता है.
क्यों होता है सर्वाइकल कैंसर
सर्वाइकल कैंसर मुख्य रूप से हाई रिस्क ह्यूमन पैपिलोमा वायरस समूह टाइप्स के इन्फेक्शन की वजह से होता है. एचपीवी के 100 से ज्यादा प्रकार हैं, जिनमें से करीब एक दर्जन ऐसे हैं जो कैंसर जैसी बीमारी के लिए जिम्मेदार होते हैं. आमतौर पर एचपीवी शारीरिक संबंध बनाने के बाद मेल से फीमेल में ट्रांसफर होता है या ट्रांसमिट होता है. लड़के या पुरुष एचपीवी वायरस के रिजर्वोयर होते हैं. इनसे महिलाओं में यह वायरस फैलकर कैंसर बनाता है.
ये होते हैं सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
डॉ. शारदा कहती हैं कि सर्वाइकल कैंसर का पता हेल्थ एक्सपर्ट स्क्रीनिंग से ही लगा सकते हैं. इसका कोई प्रकट लक्षण नहीं दिखाई देता. यही वजह है कि यह सालों-साल छुपा रहता है और भारत में खासकर तीसरी या चौथी स्टेज पर जाकर महिलाओं में यह डिटेक्ट हो पाता है. तब तक काफी देर हो चुकी होती है और अधिकांश महिलाएं जान गंवा देती हैं.
हालांकि अगर कैंसर फैल रहा है तो कुछ लक्षण सामने आ सकते हैं जैसे वेजाइना से गाढ़ा बदबूदार पदार्थ या खून आ रहा है और उसमें दुर्गंध भी आ रही है तो यह इसका लक्षण हो सकता है. शारीरिक संबंध बनाने के बाद भी अगर ऐसा ही खूनी डिस्चार्ज होता है तो यह भी दिक्कत है. मासिक धर्म अगर लंबे समय तक चल रहा है और पेशाब करने में दर्द होना भी इसका एक लक्षण है. इसके अलावा कमजोरी, थकान, भूख न लगना, मलाशय में भी दर्द आदि इसके लक्षण हैं.
क्या है उपाय
डॉ. कहती हैं कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए भारत में वैक्सीन बन चुकी है. यह वैक्सीन शारीरिक संपर्क में आने के बाद भी उतनी ही कारगर है, जितनी की शारीरिक संबंध बनाने से पहले तक है. इसलिए महिलाएं इस वैक्सीन को लगवा सकती हैं. इसके अलावा रुटीन स्क्रीनिंग भी एक विकल्प है. सर्वाइकल कैंसर 100 फीसदी प्रिवेंटेबल है. इससे बचा जा सकता है. बस जागरुकता की जरूरत है.