जिस गुड़हल (Hibiscus) के फूल को हम अब तक केवल बाग-बगीचों की शोभा मानते थे, वही फूल सेहत के लिए भी किसी रामबाण से कम नहीं है। आयुर्वेद में इसका विशेष स्थान है और इसके फूल, पत्तियां और जड़—all parts—औषधीय गुणों से भरपूर माने गए हैं। गुड़हल का पौधा भारत में लगभग हर जगह सहजता से मिल जाता है, और इसके नियमित उपयोग से कई स्वास्थ्य समस्याओं में राहत मिल सकती है।
गुड़हल के प्रमुख स्वास्थ्य लाभ
जिला अस्पताल, बाराबंकी के डॉ. अमित वर्मा (एमडी मेडिसिन) बताते हैं कि गुड़हल के पौधे में ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया को संतुलित कर विभिन्न रोगों में सहायक सिद्ध होते हैं:
बालों की समस्याएं करें दूर
रूसी (डैंड्रफ) से परेशान हैं? गुड़हल की पत्तियों का रस निकालकर स्कैल्प में लगाएं।
बाल झड़ना और गंजापन: गुड़हल के फूलों को तिल के तेल में उबालकर सिर की जड़ों में मालिश करें। इसे रातभर छोड़ें और सुबह धो लें। नियमित प्रयोग से लाभ मिलेगा।
डायबिटीज में उपयोगी
गुड़हल की पत्तियों से तैयार रस का नियमित सेवन डायबिटीज कंट्रोल में सहायक हो सकता है।
डॉ. अमित कहते हैं कि इसके हाइपोग्लायसेमिक गुण रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
त्वचा संबंधी परेशानियों में राहत
जिन लोगों को स्किन रैशेज, जलन या खुजली की शिकायत रहती है, उन्हें दिन में दो बार गुड़हल के फूल का सेवन करना चाहिए।
इसके फूल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइंफ्लेमेटरी तत्व त्वचा को स्वस्थ बनाते हैं।
महिलाओं की मासिक धर्म संबंधी समस्या में सहायक
महिलाओं को अगर मासिक धर्म में अनियमितता या दर्द होता है, तो गुड़हल की पत्तियों का रस (2 चम्मच) आधे गिलास गुनगुने पानी के साथ सुबह-शाम लेने से आराम मिलता है।
ध्यान देने योग्य बात
यह जानकारी डॉ. अमित वर्मा के सुझावों और आयुर्वेदिक साक्ष्यों पर आधारित है, लेकिन हर व्यक्ति की शारीरिक प्रकृति और समस्या भिन्न होती है।
इसलिए किसी भी घरेलू या हर्बल उपाय को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
Denvapost इस रिपोर्ट में प्रकाशित किसी भी औषधीय प्रयोग से हुए परिणामों की जिम्मेदारी नहीं लेता। यह जानकारी केवल स्वास्थ्य जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित की गई है।