नई दिल्ली : राहुल गांधी और तेजस्वी यादव द्वारा प्रस्तावित बहुप्रतीक्षित ‘वोट अधिकार यात्रा’, जिसे 10 अगस्त से बिहार के सासाराम से आरंभ किया जाना था, अपरिहार्य कारणों के चलते स्थगित कर दी गई है। राजद के राज्य कार्यालय द्वारा जारी पत्र (संख्या 168, दिनांक 4 अगस्त) के माध्यम से यह औपचारिक घोषणा की गई।
सूत्रों के अनुसार, झारखंड के एक पूर्व मुख्यमंत्री के निधन के चलते यात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। पार्टी ने कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और समर्थकों से अपील की है कि वे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को निरस्त मानें और नई तिथि की प्रतीक्षा करें। यात्रा का संशोधित कार्यक्रम यथासमय घोषित किया जाएगा।
इस यात्रा को कांग्रेस और राजद द्वारा संयुक्त रूप से चुनाव आयोग की विवादास्पद विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के खिलाफ एक जन आंदोलन के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा था। यात्रा का उद्देश्य मतदाता सूची से कथित तौर पर हटाए गए नामों के विरुद्ध जनजागरण फैलाना और आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के लिए महागठबंधन कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार करना था।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यह यात्रा 10 अगस्त को रोहतास जिले के सासाराम से आरंभ होकर 19 अगस्त को अररिया जिले के नरपतगंज में समाप्त होती, और बिहार के कई जिलों से होकर गुजरती।
यात्रा को राजद और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा न केवल चुनावी अभियान की औपचारिक शुरुआत माना जा रहा था, बल्कि इसे मोदी सरकार और नीतीश कुमार सरकार के विरुद्ध विपक्षी रणनीति का एक प्रमुख हथियार भी बताया जा रहा था।
राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि इस यात्रा की घोषणा से गठबंधन के भीतर नई गतिशीलता पैदा हुई थी। टिकट के दावेदारों और जमीनी कार्यकर्ताओं में उत्साह की लहर थी, जो अब यात्रा के पुनर्निर्धारण की प्रतीक्षा में हैं। कई स्थानीय नेताओं के लिए यह यात्रा नेतृत्व के समक्ष अपनी प्रभावशीलता दिखाने का महत्वपूर्ण अवसर थी।
अब जबकि कार्यक्रम स्थगित हो गया है, राजनीतिक दृष्टि पुनः प्रस्तावित तिथियों की ओर केंद्रित हो गई है, जिनके तय होने पर भविष्य की चुनावी रणनीति और क्षेत्रीय समीकरणों के साथ उनका गहरा तालमेल सुनिश्चित किया जाएगा।