परमेश्वर के समर्थकों ने कांग्रेस को डाला मुश्किल में...... कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान अभी और लंबी खिंचने वाली है क्योंकि कल तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। पार्टी के सूत्रों ने खुलासा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे राहुल गांधी और सोनिया गांधी के परामर्श के बाद ही कोई निर्णय लेंगे। सुत्रो से खबर आ रही है कि बेंगलुरु में सीएम पद की घोषणा की जा सकती है। मुख्यमंत्री का फैसला कांग्रेस के लिए अहम होने वाला है क्योंकि शीर्ष पद की दौड़ में दो प्रबल दावेदार माने जा रहे पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने राज्य में पार्टी के लिए एक सफल अभियान का नेतृत्व किया है और उनमें से किसी एक को चुनना कांग्रेस आलाकमान के राजनीतिक कौशल का परीक्षण होगा। परमेश्वर के समर्थकों ने बेंगलुरु में किया विरोध प्रदर्शन मंगलवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जी परमेश्वर ने भी जिम्मेदारी लेने में रुचि दिखाई। मैंने पार्टी नेताओं को भरोसा जताया है। मैं 50 विधायकों को लेकर एक दल बना सकता बना सकता हूं। लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहूंगा। मेरे कुछ सिद्धांत हैं। अनुशासन मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। अगर हाईकमान मुझे सीएम पद की जिम्मेदारी देते है तो मैं निश्चित रूप से करूंगा। इसके अलावा, मैंने उपमुख्यमंत्री के रूप में काम किया है। आलाकमान मेरे और मेरे काम के बारे में सब कुछ जानते है, इसलिए मैं पैरवी नहीं करना चाहता। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं अक्षम हूं, मैं सक्षम हूं। परमेश्वर के समर्थकों ने बेंगलुरु में भी विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि एक दलित को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री की पसंद पर नवनिर्वाचित विधायकों से पार्टी के तीन केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने बातचीत की और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपनी रिपोर्ट सौंपी। एआईसीसी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री पर फैसला एक-दो दिन में लिया जाएगा। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री की नियुक्ति आसान बात नहीं है। इसे दिल्ली से थोपा नहीं जा सकता... सबकी राय को ध्यान में रखा जाना आवश्यक है। हमें हर हितधारक के साथ जुड़ना होगा और फिर तय करना होगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा।"