
माखननगर। झालौन एकीकृत माध्यमिक शाला में पढ़ाई-लिखाई तो भगवान भरोसे ही चल रही है, लेकिन शिक्षक साहब का ‘छुट्टियों का पैकेज’ खूब मज़े से चल रहा था। जी हाँ, 28 जुलाई से 4 अगस्त तक सुनील शर्मा नामक शिक्षक स्कूल से ऐसे गायब रहे मानो गर्मियों की छुट्टियों पर निकले हों—बस फर्क इतना कि छुट्टियाँ विभाग ने दी ही नहीं थीं।
4 अगस्त को जब जनशिक्षक निरीक्षण करने पहुँचे, तो कक्षा में छात्रों की जगह सन्नाटा और हाजिरी रजिस्टर में खाली कॉलम ही मिले। दो शिक्षिका सहित सुनील शर्मा लगातार आठ दिन से ‘गायब मोड’ पर थे।
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इतना ही नहीं, सुनील शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने अपने ही साथी शिक्षक राधेलाल मेहरा सहित जनशिक्षक नारायण मीना से अभद्र व्यवहार भी किया। शिकायत BRC, DPC,BEO से लेकर DEO कार्यालय तक पहुँच चुकी है। अब विभागीय फाइलें भी शर्मा जी के कारनामों पर लाल हो गईं और संयुक्त संचालक नर्मदापुरम ने 26 अगस्त को कारण बताओ नोटिस थमा दिया।
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नोटिस में साफ़ कहा गया है कि मामला सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 16 के तहत गंभीर है। लेकिन सवाल यह भी है कि सुनील शर्मा जी ने अचानक स्कूल छोड़कर कहाँ डेरा जमाया था? वैसे यह चर्चा हैं—“हो सकता है मास्टर जी ने खुद ही ‘अनौपचारिक अध्ययन अवकाश’ घोषित कर लिया हो!”
अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि सुनील शर्मा विभाग को क्या नया तर्क देंगे। शायद कहें—“मैं ग़ायब नहीं था, बस ऑनलाइन क्लास ले रहा था!”