एक शिक्षक पूरे विभाग पर भारी, अधिकारी भी उसके सामने भरते है पानी

“साविद्या या विमुक्तये.” उपनिषद की वाणी में विद्या वही है जो मनुष्य को मुक्त करे। लेकिन…

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