मौसम विज्ञान नौतपे की अवधारणा को नहीं मानता
क्या आप जानते हैं कि बचपन से हम जिस नौतपे के बारे में सुनते आए हैं, ऐसी कोई चीज होती ही नहीं है। जी हां..मौसम विज्ञान नौतपे की इस अवधारणा को मानता ही नहीं है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार जिस
तथाकथित नौतपे में माना जाता है कि गर्मी ज्यादा पड़ती है, दरअसल उस समय बारिश होने की और आंधी चलने की संभावना ज्यादा रहती है। कुल मिलाकर नौतपा में सूर्यदेव नहीं बल्कि वायु के देवता वरूण और बारिश के देवता इंद्र प्रसन्न होते हैं। मौसम विभाग के अनुसार दो-तीन अपवाद को छोड़ दें तो शायद ही ऐसा कभी हुआ हो कि नौतपे में तापमान बढ़ा हो।
फिर गर्मी महसूस होने का कारण क्या
मौसम वैज्ञानिक बताते हैं कि नौतपा से पहले जो गर्मी पड़ती है, उससे जमीन में हीट रहती है। नौतपा से ठीक पहले या इसके दौरान हल्की बारिश से भी जमीन की हीट उष्मा के रूप में बाहर निकलने लगती है तो तपिश को बढ़ाती है। हमें जो गर्मी महसूस होती है वह तापमान बढ़ने के कारण नहीं बल्कि तपिश के कारण महसूस होती है। इसके पीछे उच्च दाब और कम दाब जैसे अन्य भी कारण हो सकते हैं। अब तक जो आंकड़े सामने आए हैं उसके अनुसार नौतपा से पहले और बाद में तापमान में बढ़ोतरी हुई है, पर नौतपा में नहीं।