विक्रमादित्य सिंह मंडी लोकसभा सीट से कंगना रनौत के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे अटकलें

हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट इन दिनों काफी चर्चा में है। भाजपा ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को मंडी से लोकसभा चुनाव का टिकट दिया है। बीते दिनों कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के इनकार के बाद अब कांग्रेस उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह को यहां से चुनाव लड़ाने की तैयारी में है।

हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की समन्वय समिति की शनिवार को दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक हुई। मुख्यमंत्री सुक्खू और कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह समेत समिति के सदस्य इसमें मौजूद रहे। बाद में इन नेताओं की कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ हुई बैठक में विक्रमादित्य सिंह का नाम उभर कर सामने आया है। अहम बात यह है कि कांग्रेस आलाकमान ने विक्रमादित्य सिंह को भी दिल्ली तलब किया है और मंडी लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाने को लेकर उनसे चर्चा हुई है। माना जा रहा है कि अगले हफ्ते नवरात्रि के दौरान कांग्रेस हिमाचल में अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेगी

पार्टी सूत्रों के मुताबिक हाईकमान की नजर में कंगना रनौत के मुकाबले विक्रमादित्य सिंह मंडी संसदीय क्षेत्र में सबसे मजबूत उम्मीदवार हैं। मिली जानकारी अनुसार, कांग्रेस की ओर से करवाए गए एक सर्वे में भी विक्रमादित्य सिंह सशक्त उम्मीदवार पाए गए हैं। 35 साल के विक्रमादित्य सिंह को उतारकर कांग्रेस की नजर युवा वोटरों पर भी है। दरअसल, कंगना रनौत 37 साल की हैं और सेलिब्रिटी होने के चलते वह युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं। विक्रमादित्य सिंह पहले ही कह चुके हैं कि अगर उन्हें मंडी लोकसभा सीट से उतरने को हाईकमान कहेगा, तो वह चुनाव लड़ेंगे। दूसरी तरफ उनकी मां व मौजूदा सांसद प्रतिभा सिंह लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर चुकी हैं।

विक्रमादित्य सिंह के कांग्रेस की टिकट पर उतरने से मंडी लोकसभा सीट पर चुनावी जंग रोचक हो जाएगी। पहली बार इस सीट पर सेलिब्रिटी बनाम राजशाही सियासी घराने में चुनावी मुकाबला होगा। कंगना रनौत बॉलीबुड में बड़ा नाम है। वह अपने कट्टर राष्ट्रवादी बयानों को लेकर सुर्खियों में रही हैं। वह आरएसएस की भी पसन्द हैं। हिमाचल प्रदेश में कंगना पहली ऐसी सेलिब्रिटी हैं, जो सियासत में अपनी किस्मत आजमाने उतरी हैं। दूसरी तरफ विक्रमादित्य सिंह रामपुर बुशहर राजशाही घराने से आते हैं। वह बुशहर रियायत के 123वां राजा हैं। जुलाई 2021 में पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के पार्थिव शरीर के सामने पद्म पैलेस में विक्रमादित्य सिंह का राज्याभिषेक हुआ था और उन्हें बुशहर रियायत का 123वां राजा चुना गया था। बुशहर रियासत भगवान कृष्ण की वंशावली से संबंधित मानी जाती है।

विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण से दूसरी बार विधायक बने हैं। सुक्खू सरकार में उनके पास लोकनिर्माण और शहरी विकास जैसे हैवीवेट विभाग हैं। विक्रमादित्य सिंह के सोशल मीडिया पर पोस्ट काफी चर्चा में रहते हैं। हर पोस्ट पर वह जय श्रीराम का उदघोष करते हैं। हाल ही में वह अयोध्या में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी शामिल हुए थे। प्रदेश कांग्रेस ने उन्हें मंडी संसदीय क्षेत्र का चुनाव प्रभारी बनाया है। पिछले कुछ दिनों से वह मंडी का दौरा कर अपने बयानों के जरिये कंगना पर निशाना साध रहे हैं।

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