
सीधी (मध्यप्रदेश)। जिले में विगत दिनों हुई असमय बारिश से किसानों की फसलों (fasal-nuksan)को हुए नुकसान का जायज़ा लेने कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने शनिवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने पनवार बघेलान एवं पनवार चौहान टोला पहुंचकर खेतों में खड़ी फसलों (fasal-nuksan) की वास्तविक स्थिति का स्थलीय निरीक्षण किया और किसानों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याएँ सुनीं।
कलेक्टर सोमवंशी ने खेतों में जाकर फसल की क्षति का मूल्यांकन किया और किसानों को विश्वास दिलाया कि प्रशासन हर परिस्थिति में उनके साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि—“फसलों (fasal-nuksan) के नुकसान का सर्वे कार्य पूरी पारदर्शिता, संवेदनशीलता और ईमानदारी के साथ किया जाएगा। किसी भी पात्र किसान को शासन की राहत योजना से वंचित नहीं किया जाएगा।”
कलेक्टर ने दिए स्पष्ट निर्देश — पारदर्शिता और समयबद्धता प्राथमिकता
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि फसल नुकसान (fasal-nuksan)का सर्वे कार्य तत्काल प्रारंभ किया जाए और प्रारंभिक रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत की जाए। उन्होंने अधिकारियों को आगाह किया कि सर्वे में किसी भी प्रकार की लापरवाही या विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कलेक्टर ने कहा कि—“राजस्व अमला सुनिश्चित करे कि सर्वे के दौरान कोई भी किसान वंचित न रह जाए। यह जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि प्रत्येक प्रभावित किसान को वास्तविक सहायता मिले।”
उन्होंने आगे कहा कि अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में मौसम की स्थिति पर सतत निगरानी रखें और किसानों से नियमित संपर्क बनाए रखें ताकि किसी भी किसान को भ्रम या असुविधा का सामना न करना पड़े।
किसानों को दिलाया भरोसा – राहत राशि मिलेगी नियमानुसार
कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने प्रभावित किसानों को आश्वस्त किया कि फसल क्षति के आंकलन के बाद शासन के नियमानुसार राहत राशि वितरित की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन किसानों की हर समस्या को प्राथमिकता पर हल करेगा।
“हमारा प्रयास रहेगा कि किसी भी किसान को नुकसान (fasal-nuksan) का सामना अकेले न करना पड़े। शासन की सभी राहत योजनाएं समय पर और निष्पक्षता से लागू होंगी,”उन्होंने किसानों से संवाद के दौरान कहा।
कलेक्टर ने किसानों से यह भी अपील की कि वे अपने खेतों की स्थिति की जानकारी स्थानीय पटवारी या ग्राम सचिव को दें, ताकि सर्वे रिपोर्ट अधिक सटीक और व्यापक बन सके।
असमय बारिश से फसलों को भारी नुकसान
जिले के कई हिस्सों में बीते सप्ताह हुई असमय बारिश और तेज हवाओं के कारण खेतों में खड़ी गेहूं, मसूर, चना और सरसों की फसलें (fasal-nuksan) प्रभावित हुई हैं। कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति बन गई, जिससे फसलें गिर गईं या सड़ने लगीं।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, यदि मौसम का यही रुख जारी रहा तो उपज में 15 से 20 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। प्रशासन इस स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और किसानों को तकनीकी सहायता देने के लिए कृषि विस्तार अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
कलेक्टर सोमवंशी ने भ्रमण के दौरान खेतों में खड़े होकर किसानों से सीधे संवाद किया। कई किसानों ने फसल के नुकसान (fasal-nuksan) और सर्वे की प्रक्रिया को लेकर अपनी चिंताएँ साझा कीं। कलेक्टर ने सभी किसानों को भरोसा दिलाया कि सर्वे के दौरान उनकी बात सुनी जाएगी और निष्पक्ष मूल्यांकन किया जाएगा। “प्रशासन का उद्देश्य केवल सर्वे रिपोर्ट बनाना नहीं है, बल्कि हर किसान की पीड़ा को समझकर उसका समाधान करना है। हमारा फर्ज है कि किसान को उसका हक समय पर मिले।”
प्रशासन की टीम सक्रिय – प्रभावित गांवों में पहुंचे अधिकारी
कलेक्टर के निर्देश के बाद उपखंड अधिकारी गोपद बनास राकेश शुक्ला सहित राजस्व निरीक्षक, पटवारी और कृषि विभाग के अधिकारी प्रभावित गांवों में सक्रिय हो गए हैं। टीमें गांव-गांव जाकर खेतों का निरीक्षण कर रही हैं और फसल क्षति के आंकड़े जुटा रही हैं जिला प्रशासन ने किसानों से आग्रह किया है कि वे अपनी शिकायतें या सुझाव सीधे तहसील या जिला नियंत्रण कक्ष में दर्ज कराएं ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके।
कृषि विभाग की पहल – तकनीकी सलाह और बीमा दावे
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि असमय वर्षा से प्रभावित किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत दावा करने की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए किसान अपने निकटतम CSC केंद्र या कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे। इसके साथ ही विभाग द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में फसल रोग नियंत्रण, बीज पुनर्प्राप्ति और आर्थिक सहायता योजनाओं की जानकारी भी दी जा रही है।
प्रशासन और किसान के बीच भरोसे की कड़ी
सीधी जिले में प्रशासनिक तत्परता और किसानों के बीच संवाद का यह उदाहरण शासन की संवेदनशीलता को दर्शाता है। कलेक्टर सोमवंशी ने जिस दृढ़ता और मानवीय दृष्टिकोण से किसानों की समस्याओं को सुना, उससे किसानों में भरोसे का माहौल बना है। किसानों ने भी प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की और उम्मीद जताई कि उन्हें शीघ्र राहत राशि प्राप्त होगी।