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Bhopal : इस बार सावन महीने की ‘विनायक चतुर्थी'(Vinayaka Chaturthi 2023) व्रत आज यानी 20 अगस्त 2023, रविवार के दिन रखा जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार, ‘विनायक चतुर्थी’ व्रत को करने से संतान, धन सुख की प्राप्ति होती है, बुद्धि, बल में वृद्धि होती है। साथ ही गणपति बप्पा बेहद प्रसन्न होते है। आइए जानें सावन विनायक चतुर्थी व्रत की शुभ मुहूर्त, योग और पूजा विधि।
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, सावन विनायक चतुर्थी व्रत के दिन हस्त नक्षत्र का निर्माण हो रहा है, जिसे ज्योतिष शास्त्र में सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त में गिना जाता है। हस्त नक्षत्र 21 अगस्त सुबह 4:22 तक रहेगा। वहीं इस दिन साध्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है। यह तीनों योग सुबह 5:53 से 21 अगस्त सुबह 4:22 तक रहेंगे। इन शुभ मुहूर्त में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है।
पूजा विधि
सावन विनायक चतुर्थी व्रत के दिन प्रातः काल स्नान के बाद पीले या लाल वस्त्र पहनें। व्रत का संकल्प लें और पूजा की चौकी पर चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं एवं उस पर गणपति की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। गणपति को रोली, मौली, जनेऊ, दूर्वा, पुष्प, पंचमेवा, पंचामृत, चावल चढ़ाएं। भोग में मोदक, मोतीचूर के लड्डू अर्पित करें। तीन मुखी दीपक लगाकर गणेश जी के मंत्रों का जाप करें। आरती करने के बाद प्रसाद सभी में बांटें। कहते है, इस दिन चंद्रमा की पूजा नहीं करनी चाहिए।
धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन महीने में शिव जी के पुत्र गणपति बप्पा की पूजा करना बहुत शुभ होता है। खासकर, विनायक चतुर्थी पर व्रत करने वालों के सारे संकट स्वयं गणपति जी हर लेते हैं। बुद्धि, धन, बल, विद्या और पारिवारिक खुशहाली के लिए इस दिन गणेश जी की पूजा करना चाहिए।