प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को दिल्ली शराब घोटाले चनप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया है। चनप्रीत सिंह पर आरोप है कि उसने गोवा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के फंड को मैनेज किया था। पहले 21 मार्च को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ईडी द्वारा गिरफ्तारी हुई थी। दिल्ली में आप विधायक दुर्गेश पाठक से भी जांच एजेंसी शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ कर चुकी है।
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED, ईडी) ने सोमवार को दिल्ली शराब नीति (2022-22) घोटाले चनप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया है। चनप्रीत सिंह पर आरोप है कि उसने गोवा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) के फंड को मैनेज किया था। इससे पहले 21 मार्च को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की ईडी द्वारा गिरफ्तारी हुई थी।
हाल ही में, दिल्ली में आप विधायक दुर्गेश पाठक से भी जांच एजेंसी शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering) में पूछताछ कर चुकी है।
मामले में यह 17वीं गिरफ्तारी
ईडी द्वारा इस मामले में यह 17वीं गिरफ्तारी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री गिरफ्तारी के बाद से न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं। चनप्रीत सिंह को पहले भी इसी मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एफआईआर के बाद से सामने आया है।
चनप्रीत ने चुनाव में क्या किया?
ईडी ने कोर्ट को बताया था कि चनप्रीत सिंह ने गोवा में विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार करने वाले सर्वे कार्यकर्ताओं, क्षेत्र प्रबंधकों, विधानसभा प्रबंधकों और अन्य लोगों को नकद भुगतान का प्रबंधन किया था।
साउथ ग्रुप ने दी थी रिश्वत
ईडी ने आरोप लगाया था कि साउथ ग्रुप ने आम आदमी पार्टी को दिल्ली शराब बाजार में प्रमुख पद हासिल करने के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। शराब नीति 2021-22 नीति को अब खत्म कर दिया गया है। साउथ ग्रुप में बीआरएस नेता और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता, व्यवसायी सरथ चंद्र रेड्डी और अन्य शामिल हैं।
ईडी ने दावा किया है कि इन कथित रिश्वत में से 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल आप ने अपने गोवा चुनाव अभियान के वित्तपोषण के लिए किया था।