
शिवपुरी शाखा में लग गई आग
शिवपुरी के जिला सहकारी बैंक में करीब दो साल पहले 100 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ। यहां पर पदस्थ एक चपरासी ने कैशियर की भूमिका निभाते हुए 100 करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया। इस घोटाले की अभी जांच चल रही है और कुछ लोगों की गिरफ्तारी हुई है, लेकिन इसी बीच शिवपुरी जिला मुख्यालय पर इसी जिला सहकारी बैंक की एक शाखा में रविवार की सुबह अचानक आग लग गई।
इस आग में शाखा के एक हाल में रखा सामान और कुछ रिकॉर्ड जल गया। सूचना मिलने के बाद शिवपुरी एसडीएम, तहसीलदार सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। फायर ब्रिगेड और एसडीआरएफ की टीम को सूचना दी गई है। करीब 4 घंटे की मशक्कत के पास इस आग पर काबू पाया है।
बैंक अफसर बोले-रिकॉर्ड नहीं जला, अलमारी व कुर्सियां जली
इस बैंक में लगी आग के बाद अब बैंक के अधिकारी बचाव में आ गए। आग लगने के बाद मौके पर पहुंचे बैंक के अधिकारियों ने कहा कि आग कैसे लगी यह ज्ञात नहीं। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शिवपुरी के कार्यालय अधीक्षक वीरेंद्र पराशर ने बताया कि सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शिवपुरी का हॉल जोकि बैंक मुख्यालय से लगा हुआ है जिसमें आग लगने की सूचना चपरासी सुरेन्द्र कुमार श्रीवास द्वारा दी गयी।
उन्होंने बताया कि बैंक मुख्यालय की बिल्डिंग के पास भूमि विकास प्रधान कार्यालय के नीचे का हॉल जोकि बैंक के पास था, जिसमें शिवपुरी का लगभग 50 वर्ष पुराना सामान अनुपयोगी लकड़ी अलमारी, कुर्सियां, लोहे की अलमारी तथा अन्य अनुपयोगी सामान रखा हुआ था। बैंक के जिस हॉल में आग लगी है, उसमें महत्वपूर्ण दस्तावेज आदि कोई रिकार्ड नहीं है।
100 करोड़ का घोटाला, दो साल से जांच ही चल रही है
इस जिला सहकारी बैंक में दो साल पहले एक चपरासी ने कैशियर की भूमिका निभाते हुए 100 करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया। इसमें बैंक के कैशियर ने बैंक में जमा होने वाली राशि अपने परिचितों के खाते में डाली।
इसके बाद मामला खुला तो जांच हुई और इस मामले में कैशियर सहित उसके कुछ परिजन जेल में हैं। इस मामले में बैंक की ही कुछ महाप्रबंधक व अन्य अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका रही है। इस मामले में कुछ बैंक कर्मी निलंबित भी हुए, लेकिन बाद में बहाल हो गए। इस घोटाले की जांच पिछले दो साल से चल रही है। बैंक राशि को लेकर भी अभी ज्यादा रिकवरी नहीं हो पाई है।
पूरे मामले की जांच हो
वपुरी जिला मुख्यालय पर रविवार को अचानक बैंक शाखा में आग लग जाने के बाद अब स्थानीय लोगों का कहना है कि बैंक घोटालों की पुरानी फाइलें व रिकॉर्ड को जलाने की साजिश हो सकती है, इसलिए इस मामले की जांच होना चाहिए।