बच्चे का शव ले जाती पुलिस टीम।
जिला जेल में बंद एक सजायाफ्ता कैदी दंपती के चार वर्षीय बच्चे की जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। रघुनाथ जाटव निवासी विदिशा एवं उसकी पत्नी पूजा को मानव तस्करी के मामले न्यायालय शहडोल ने सात सात वर्ष की सजा इसी माह दिसंबर में सुनाई थी।
दोनों पति-पत्नी जिला जेल में सजा काट रहे हैं।
दोनों सजायाफ्ता कैदी का एक चार वर्षीय पुत्र क्रिष जाटव भी जेल में ही साथ रह रहा था। 23 दिसम्बर को बालक तबीयत बिगड़ने पर उसे जेल प्रबंधन ने जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया था। वहां पता चला कि उसके मस्तिष्क में सूजन आई हुई है। वहां उसका उपचार किया जा रहा था।
इलाज के दौरान ही रविवार की शाम उसकी अस्पताल में ही मौत हो गई। सोमवार को दिनभर बालक का पीएम नहीं हो सका। वहीं, इस मामले में जेल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। आरोप है कि जेल प्रबंधन ने बच्चे को समय से उपचार के लिए अस्पताल नहीं भेजा। हालत गंभीर हुई तब अस्पताल भेजा गया, जिस कारण उसकी मौत हुई है।
बच्चे को जेल से अस्पताल लाया गया था, इसलिए न्यायलीन प्रक्रिया के बाद ही शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। आज केवल न्यायाधिकारी की उपस्थिति में शव के पंचनामा की कार्रवाई की गई। जेल अधीक्षक भास्कर पांडेय से ज़ब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया की वह तो अवकाश पर हैं, लेकिन बच्चे के मस्तिष्क में सूजन होने की बात सामने आई हैं। उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल मे भर्ती कराया गया था। मृत बच्चे के माता-पिता दोनों जेल में हैं इसलिए पोस्टमार्टम के लिए परिवार के अन्य सदस्यों का इंतजार किया जा रहा है, जिस कारण विलम्ब हुआ है। कल तीन सादस्यीय चिकित्सकों की टीम से पोस्टमार्टम कराकर शव परिवार के सदस्यों को सौंप दिया जाएगा।