पॉक्सो न्यायालय सीहोर की विशेष न्यायाधीश स्मृता सिंह ठाकुर ने तीन साल पुराने प्रकरण में नाबालिग को घर में अकेला पाकर उसके साथ दुष्कर्म करने के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। युवक आष्टा क्षेत्र का निवासी है और पीड़िता के मोहल्ले में ही रहता था।
पीड़िता ने बताया कि उसके मोहल्ले में रहने वाला राजा खां पिता चंदू खां निवासी आष्टा को वह अच्छी तरह से जानती है। घटना के समय जब वह घर पर अकेली थी, तब राजा खां उसके घर के पीछे की खिड़की तोड़कर अंदर घुस आया और उसके साथ गलत काम करने लगा। पीड़िता के चिल्लाने पर उसकी बड़ी मम्मी आ गईं तो राजा उसे छोड़कर वहां से भाग गया और धमकी दी कि अगर उसने रिपोर्ट की या किसी को बताया तो वह उसे जान से खत्म कर देगा।
पीड़िता के माता-पिता मजदूरी करके घर लौटे तो उसने उन्हें घटना की जानकारी दी गई। पुलिस द्वारा अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय ने आरोपी को दंडित किया। पीड़िता ने न्यायालय में घटना का पूर्ण रूप से समर्थन किया।
अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपी राजा खां पिता चंदू खां को दोषी पाते हुए धारा 3(2)(v) एससी/एसटी एक्ट में आजीवन कारावास, धारा 376(1) भादंवि में 12 वर्ष का सश्रम कारावास, धारा 450 भादंवि में पांच वर्ष का सश्रम कारावास, धारा 354 भादंवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास तथा धारा 3(1)(w)(i) एससी/एसटी एक्ट में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल ₹3500 के अर्थदंड से दंडित किया गया।