पीएम एक्सीलेंस कॉलेज का दर्जा मिलने के बाद पीजी कॉलेज में विद्यार्थियों को लाने-ले जाने के लिए बस सेवा शुरू की गई है। इसका किराया एक रुपए प्रतिदिन निर्धारित किया गया है। लेकिन, अजीब बात यह है कि विद्यार्थी बस में यात्रा करें या नहीं, उन्हें पूरा किराया देना अनिवार्य होगा।
जानकारी के अनुसार, पीएम एक्सीलेंस कॉलेज में करीब साढ़े तीन हजार विद्यार्थी हैं। लेकिन, कॉलेज में मात्र एक बस उपलब्ध है। इस बस का बहुत कम उपयोग हो रहा है, फिर भी प्रत्येक छात्र से 360 रुपए वार्षिक शुल्क लिया जा रहा है। इस तरह साढ़े तीन हजार विद्यार्थियों से साल भर में 12 लाख 60 हजार रुपए वसूले जाएंगे। यानी डेढ़ साल की फीस मिलाकर देखें तो इस राशि से एक नई बस खरीदी जा सकती है। अगर, सभी विद्यार्थियों से बस शुल्क लिया जा रहा है, तो उन्हें सुविधा भी मिलनी चाहिए। लेकिन, यदि एक साथ साढ़े तीन हजार विद्यार्थी बस सेवा का लाभ लेना चाहें तो वे बस में कैसे बैठेंगे? इस सवाल का कोई ठोस जवाब कॉलेज प्रशासन के पास नहीं है।
शासन का नियम
पीएम एक्सीलेंस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रोहिताश्व शर्मा का कहना है कि बस सुविधा शुल्क लिए जाने का नियम शासन द्वारा निर्धारित किया गया है। प्रत्येक छात्र से 30 रुपए प्रति माह के हिसाब से शुल्क लिया जाता है।
एनएसयूआई ने किया विरोध, आंदोलन की चेतावनी
एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि यह मामला संज्ञान में आया है। इस संबंध में कॉलेज प्रबंधन से चर्चा की जाएगी। जो विद्यार्थी बस सेवा का लाभ नहीं ले रहे, उनसे शुल्क वसूलना गलत है।
उन्होंने कहा कि हम पहले ज्ञापन देंगे, लेकिन यदि कॉलेज प्रबंधन इसके बावजूद बस सेवा शुल्क वसूलता रहा तो आंदोलन करेंगे।