देश में कोरोना वायरस के दो नए वैरिएंट सामने आने के बाद मरीजों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कई राज्यों में मरीज तेजी से बढ़े हैं। सीहोर की बात करें तो यहां के सरकारी अस्पतालों में कोरोना की जांच तक नहीं हो रही है। कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे वायरस के लगातार हो रहे म्यूटेशन और दो नए सब-वैरिएंट का सक्रिय होना मुख्य कारण माना जा रहा है। हालांकि इसके बाद भी अभी सीहोर में कोरोना को लेकर तैयारी और जागरूकता की कमी दिख रही है।
सीहोर के सरकारी अस्पताल संदिग्ध कोरोना मरीजों की जांच के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। किसी सरकारी अस्पताल में जांच नहीं की जा रही है। तीसरी लहर के पहले रखी थी ऑक्सीजन प्लांट की नींव कोविड के पीक तीसरी लहर के पहले जिला अस्पताल सीहोर में एक करोड़ 30 लाख रुपये की लागत से ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया था। इसके साथ ही कोविड सेंटर में पलंगों तक ऑक्सीजन लाइन बिछाई गई थी, लेकिन अभी जिला अस्पताल में कोविड वार्ड पूर्व की तरह ही पड़ा है। यहां अभी कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है।

कई लोगों का दो-दो सप्ताह तक नहीं उतर रहा बुखार
कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग भले ही पूरी तरह से सतर्कता नहीं बरत रहा है, लेकिन अनेक लोगों में कोरोना जैसे लक्षण जरूर माने जा रहे हैं। कई लोगों को बुखार आने के बाद दो-दो सप्ताह तक नहीं जा रहा है। डॉक्टर टेबलेट लिखकर मरीज को लौटा देते हैं तो अनेक लोग बुखार उतरने के लिए घरेलू उपचार करने लगे हैं।
कोरोना काल में सीहोर में असमय 125 लोगों की हो चुकी है मौत
कोरोना के पीक समय में सीहोर में करीब 125 लोगों की मौत सरकारी रिकार्ड में दर्ज है, जबकि करीब 25 हजार लोग कोरोना से पीड़ित होने बताए गए हैं। कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग के सर्तकता को लेकर अभी तक कोई पहल नहीं किए जाने से लोग कोरोना को लेकर भयजदा नजर आ रहे हैं। हालांकि जिला स्वास्थ्य अधिकारी सुधीर देहरिया कोरोना को लेकर पूरी तरह से सर्तक रहने की बात कह रहे हैं, उनका कहना है कि कोरोना को लेकर घबराने वाली बात नहीं है। विभाग पूरी तरह से सर्तक है।