Sehore News : मां-बेटे को आजीवन कारावास की सजा

मादक पदार्थों का कारोबार करने वाले परिवार ने पैसों और पारिवारिक रंजिश के चलते एक युवक की नृशंस हत्या कर दी थी। मृतक के शरीर के टुकड़े कर उसे बोरी में भरकर अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया गया था। करीब सात साल पुराने इस मामले में कोर्ट ने आरोपी मां-बेटे को उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई है।

द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश एम.के. वर्मा की अदालत ने इस केस में दोषी पाए गए इशरत (46) और उसके बेटे अमन उर्फ सैफी जमाल (31) को उम्रकैद और 54 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इस मामले में तीसरा आरोपी, इशरत का पति सोहेल जमाल, पूछताछ के दौरान जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी कर चुका है।

ऐसे हुआ था सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा

अपर लोक अभियोजक रेखा चौरसिया ने बताया कि 23 नवंबर 2018 की सुबह 4 बजे गणेश मंदिर के पास कर्बला पुल क्षेत्र में प्लास्टिक की बोरी में एक मानव धड़ मिला था। 20 मीटर दूर दूसरी बोरी में शरीर के अन्य हिस्से और 70 मीटर दूर दोनों हाथ और खोपड़ी बरामद हुई। जांच में मृतक की पहचान नरेश वर्मा के रूप में हुई, जो मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़ा था।

वजह बनी प्रेम-प्रसंग और पैसों की लालच

पुलिस को जांच में पता चला कि नरेश, दूल्हा बादशाह कॉलोनी निवासी सोहेल जमाल के घर अक्सर आता था और उसकी सोहेल की बेटी से प्रेम-प्रसंग था। साथ ही घटना वाले दिन नरेश के पास लाखों रुपये भी थे। पुलिस पूछताछ में इशरत और अमन ने बताया कि इसी कारण उनकी नीयत डोल गई और उन्होंने नरेश की हत्या कर दी।

हत्या के बाद शव को काटकर बोरी में भरकर फेंक दिया गया। पुलिस ने पुख्ता साक्ष्य जुटाते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और कोर्ट में चालान पेश किया। मामले में सोहेल की पूछताछ के दौरान मौत हो गई थी। कोर्ट ने इशरत और अमन को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और अन्य धाराओं के तहत दोषी मानते हुए उम्रकैद और 54 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। यह फैसला ऐसे अपराधों के विरुद्ध कड़ा संदेश देता है।

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