वन विभाग के डीएफओ एमएस डाबर ने बताया कि 25 अप्रैल की शाम ग्रामीणों से सूचना मिलने पर बुधनी के मिडघाट सेक्शन में ग्राम तालपुरा के जंगल के पास तेंदुए का शव बरामद किया गया। इसके बाद शव को कष्टागार बुधनी लाया गया। तेंदुए की मौत के कारणों की जांच के लिए वन्य प्राणी चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमित ओड और पशु चिकित्सा अधिकारी बुधनी की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराया गया। शव का अंतिम संस्कार डिपो में कर दिया गया।
जांच में खोजी कुत्ते की मदद ली गई
वन विभाग ने शव मिलने वाली जगह पर खोजी कुत्ते की मदद से भी जांच कराई। रेंजर प्रकाश उइके ने बताया कि ग्रामीणों ने रेलवे ट्रैक के पास तेंदुआ मृत अवस्था में पड़े होने की सूचना दी थी, जिस पर तत्काल टीम को रवाना कर पोस्टमार्टम के बाद दाह संस्कार की कार्रवाई की गई। विभाग का कहना है कि वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
लगातार हो रही वन्य जीवों की मौतें, मिडघाट बना ‘सुसाइड प्वाइंट’
बुधनी के मिडघाट सेक्शन में लगातार वन्य जीवों की मौत की घटनाएं सामने आ रही हैं। यही कारण है कि इस इलाके को अब ‘वन्य जीवों का सुसाइड प्वाइंट’ कहा जाने लगा है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष 15-16 जुलाई को इसी मिडघाट रेलवे ट्रैक पर तीन तेंदुआ शावकों की मौत हो गई थी। उस वक्त शावकों की मां रातभर उनके पास बैठी रही थी, जिससे वन विभाग को शवों को भोपाल ले जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था।
रेलवे ट्रैक बना जानलेवा रास्ता
बुधनी क्षेत्र रातापानी अभयारण्य और विंध्याचल पर्वत श्रृंखला से जुड़ा है। यहां वन्य जीवों की बड़ी संख्या है। जंगली जानवर अक्सर विचरण करते हुए मिडघाट सेक्शन में आ जाते हैं, जहां इटारसी-भोपाल रेलवे लाइन पर ट्रेनों की आवाजाही लगातार बनी रहती है। ऐसे में रेलवे ट्रैक पार करते समय वन्य जीव दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।