भैरूंदा क्षेत्र की ग्राम पंचायत छीपानेर में एक शासकीय शिक्षक की करंट लगने से मौत हो गई। शिक्षक ने घर के काम के लिए दो दिन की छुट्टी ली थी, लेकिन किसे पता था कि वह अब कभी स्कूल नहीं लौट पाएंगे। परिजनों ने आरोप लगाया है कि समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंचने के कारण उनकी जान नहीं बच सकी।
जानकारी के अनुसार, रामनाथ सिंह अटेरिया, निवासी ग्राम छीपानेर, शासकीय प्राथमिक विद्यालय सातदेव में शिक्षक के पद पर पदस्थ थे। उन्होंने घरेलू कार्यों के निपटारे के लिए दो दिन की छुट्टी ली थी। शनिवार सुबह वे अपने खेत पर काम कर रहे थे, तभी अचानक बिजली के तार की चपेट में आ गए और करंट लगने से उनकी मौत हो गई।
मृतक के बेटे जितेन्द्र अटेरिया ने बताया कि हादसा सुबह करीब 11:30 बजे हुआ। घटना की सूचना तत्काल 108 एंबुलेंस सेवा को दी गई, लेकिन एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची। करीब दो घंटे के इंतजार के बाद परिजनों ने किराए के वाहन की मदद से रामनाथ को अस्पताल ले जाने का प्रयास किया। रास्ते में लगभग 1 बजे एंबुलेंस मिली, जिसके बाद करीब 1:30 बजे सिविल अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में डॉक्टरों ने रामनाथ सिंह को मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद से परिवार में कोहराम मचा है। सूचना मिलने पर पुलिस ने अस्पताल पहुंचकर मर्ग कायम किया और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
108 सेवा की सफाई
108 एंबुलेंस सेवा के डॉक्टर ने बताया कि उन्हें दोपहर 1 बजे भोपाल से छीपानेर में करंट लगने के एक केस की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही एंबुलेंस रवाना कर दी गई थी। जामुनिया कला और रानीपुरा के बीच प्राइवेट वाहन से मरीज को अस्पताल लाया गया, लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी।
शिक्षा विभाग भी स्तब्ध
विकासखंड शिक्षा अधिकारी ललित कीर ने बताया कि रामनाथ अटेरिया ने दो दिन पहले निजी कार्यों के लिए छुट्टी ली थी। करंट लगने से हुई उनकी मृत्यु की सूचना मिलते ही विभाग में शोक व्याप्त हो गया। उन्होंने कहा कि विभाग मृतक परिवार को हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगा।